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नई तकनीक से कम होगी सड़क दुर्घटना, रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए अफसरों को दिए गए 4 टिप्स

1st Bihar Published by: Updated Wed, 26 Aug 2020 09:43:13 PM IST

नई तकनीक से कम होगी सड़क दुर्घटना, रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए अफसरों को दिए गए 4 टिप्स

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PATNA :  बिहार में रोड एक्सीडेंट की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए सरकार के अधिकारियों को 4 टिप्स दिए गए हैं. ट्रेनिंग के जरिए नई-नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है. बिहार सड़क सुरक्षा परिषद और परिवहन विभाग के पदाधिकारियों को रोड सेफ्टी पर बुधवार को ट्रेनिंग दी गई. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ट्रेनिंग के माध्यम से बिहार रोड  सेफ्टी काउंसिल के पदाधिकारी नई-नई तकनीकों के बारे में सीखेंगे.


बिहार सड़क सुरक्षा परिषद के पदाधिकारियों और कर्मियों के लिए एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट (एआईटीडी), नई दिल्ली द्वारा सड़क सुरक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए जागरुकता, अभियंत्रण,  प्रवर्तन और आपातकालीन सेवा यानी कि कुल 4 टिप्स दिए गए हैं. यह ट्रेनिंग सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में कारगार साबित होगी.


परिवहन सचिव  संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा के विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा आगे भी समय समय पर इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे सड़क दुर्घटनाओं एवं उनके फलस्वरुप होने वाली मृत्यु में कमी लाने की दिशा में कार्रवाई की जा सके.


राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने बताया कि सड़क सुरक्षा की दृष्टि से कैपिसिटी बिल्डिंग में यह प्रशिक्षण काफी कारगार साबित होगा. ऐसे प्रशिक्षण से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में देश-विदेश में किये जा रहे कार्यों एवं नई-नई तकनीकों के बारे में जानकारी मिल सकेगी, जिसका क्रियान्वयन राज्य में किया जा सके. एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट (एआईटीडी), नई दिल्ली संस्थान के सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा बताया गया 80 से 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण मानवीय भूल/लापरवाही से वाहन चलाना है. वहीं 3-4 प्रतिशत गाड़ियों की तकनीकी खराबी, 4-5 प्रतिशत दुर्घटनाएं सड़क एवं अन्य कारणों से होती है.


एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट (एआईटीडी), नई दिल्ली संस्थान के सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ भविन शाह, रौनक भुद्राणी और डा हिमानी जैन ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए रोड सेफ्टी के फोर ई- एजुकेशन एंड अवेयरनेस, इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट और इमरजेंसी इन सभी पर प्रभावी तरीके से कार्य करना होगा.सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाना होगा. तकनीक का उपयोग कर इंफोर्समेंट (प्रवर्तन) को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकता है.


ओवर स्पीडिंग सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गन आदि के माध्यम से सशक्त तरीके से ओवर स्पीडिंग पर कार्रवाई की जा सकती है. टोल प्लाजा या अन्य जगहों पर पर प्वाइंट टू प्वाइंट एवरेज स्पीड कैमरा के माध्यम से वाहनों की गति एवं दूरी के आधार पर ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जा सकती है. सड़क दुर्घटना में कमी लाने हेतु सड़क अभियंत्रण से संबंधित विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई. इसमें संवेदनशील सड़क उपयोगकर्ता जैसे पैदल चालक, साइकिल चालक, रिक्शा चालक, मोटरसाइकिल आदि जो सड़क दुर्घटना की चपेट में जल्दी आ जाते हैं, उनके बचाव हेतु सड़क पर फुटपाथ, फुटओवर ब्रीज, जेबरा क्राॅसिंग आदि के निर्माण की सलाह दी गई.


संधिस्थलों पर ट्रैफिक कालमिंग मेजर्स और नाप्रवण क्षेत्र में क्रैश बैरियर आदि का निर्माण के विषय पर भी चर्चा की गई। रोड सेफ्टी ऑडिट के माध्यम से ब्लैक स्पाॅट्स और अन्य दुर्घटनाप्रवण क्षेत्रों की पहचान कर परिमार्जन के उपायों पर चर्चा की गई. नॅशनल हाईवे तथा स्टेट हाईवे पर विषेष रुप से हाईवे पेट्रोलिंग की बात कही गई. सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए स्पीडगन, इंटरसेप्टर व्हीकल, सीसीटीवी कैमरे की उपयोगिता के बारे में बताया गया.