PATNA: 15 सालों से अपने कारनामों से चर्चे में रहने वाले पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह से आखिरकार JDU ने पल्ला झाड़ लिया. JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि सिवान के बड़हरिया के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह से उनकी पार्टी का कोई लेना देना नहीं है, उन्हे तो काफी पहले ही पार्टी से निकाला जा चुका है. उमेश कुशवाहा का ये बयान तब आया जब श्याम बहादुर सिंह ने ये एलान कर दिया कि गोपालगंज उप चुनाव में वे RJD के उम्मीदवार का विरोध करेंगे और साधु यादव की पत्नी के लिए चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं.
श्याम बहादुर के इस एलान के कुछ घंटे बाद ही जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का बयान आया, उन्होंने कहा- हमारी पार्टी को श्याम बहादुर सिंह से कोई मतलब नहीं है. जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समय श्याम बहादुर सिंह को काफी पहले पार्टी से निकाला जा चुका है. जिस समय उन्होंने ये कहा था कि वो पटना के गांधी मैदान में पियक्कड़ों का सम्मेलन कराएंगे तभी जदयू ने श्याम बहादुर सिंह को निष्कासित कर दिया था वह पार्टी में नहीं हैं. इसलिए वे क्या बोलते हैं इसका JDU नोटिस नहीं लेती.
श्याम बहादुर को कब निकाला?
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि JDU ने नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले पूर्व विधायक श्याम बहादुर को पार्टी से कब निकाला? उमेश कुशवाहा कह रहे हैं कि जिस दिन श्याम बहादुर ने शराबबंदी के खिलाफ बयान दिया था उसी दिन उन्हे पार्टी से निकाल दिया गया था. ये वाकया इसी साल जनवरी महीने का है जब श्याम बहादुर सिंह ने कहा था कि वे पटना के गांधी मैदान में पियक्कड़ों का सम्मेलन कराएंगे और शराबबंदी कानून बदलने की मांग करेंगे. लेकिन उसके बाद JDU ने औपचारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी थी कि श्याम बहादुर को पार्टी से निकाला गया है.
बल्कि श्याम बहादुर हाल के दिनों तक JDU के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं. जनवरी के बाद सिवान में JDU की जो भी बैठक हुई उसमें श्याम बहादुर शामिल हुए. वे लगातार JDU की ओर से बयान देते रहे. कुछ महीने पहले जब राज्यसभा के चुनाव में RJD ने शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को टिकट नहीं दिया था तो श्याम बहादुर सिंह ने उन्हे JDU में शामिल होने का खुला ऑफर दिया था. मीडिया में ये सारी खबरें आयीं लेकिन JDU ने एक बार भी नहीं कहा कि श्याम बहादुर अब पार्टी में नहीं हैं.
RJD का डर
JDU के एक सीनियर नेता ने बताया कि ये RJD की नाराजगी का डर है कि आनन फानन में बयान जारी कर श्याम बहादुर से पल्ला झाड़ा गया है. ये जगजाहिर है कि लालू परिवार को साधु यादव से कितना एलर्जी है. श्याम बहादुर गोपालगंज उप चुनाव में साधु यादव की पत्नी के लिए प्रचार करने का एलान कर रहे हैं. ऐसे में JDU अगर उन पर तुरंत कारवाई नहीं करता तो लालू- तेजस्वी के नाराज होने का डर था. तभी ये कहा गया कि हमने श्याम बहादुर से महीनों पहले संबंध खत्म कर लिया है. पिछले 15 सालों में श्याम बहादुर सिंह ने बार बालाओं के साथ अश्लील डांस से लेकर ना जाने कितने गुल खिलाए. लेकिन पार्टी ने कभी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की. ये पूरे JDU को मालूम था कि श्याम बहादुर की सीधी पंहुच कहाँ तक है. लेकिन जहाँ तक उनकी पंहुच थी वह खुद ही RJD से डरे सहमे हैं तो श्याम बहादुर कैसे बचते?