बड़ी गलती करके फंस गए राजद के एक और MLA, अब विधायक सरोज यादव के ऊपर केस दर्ज

PATNA : बिहार में इनदिनों सियासी भूचाल मचा हुआ है. इसी बीच एक बड़ी खबर है कि राजद के एक और विधायक बड़ी गलती करके फंस गए. इसबार भोजपुर जिले के बड़हरा से राजद विधायक सरोज के ऊपर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. थानाप्रभारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि राजद नेता सरोज यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. 

बिना अनुमति के प्रदर्शन करना पड़ा भारी
दरअसल एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने अनशन पर बैठकर प्रदर्शन करना राजद विधायक सरोज यादव को भारी पड़ गया. प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रदर्शन करने के आरोप में पटना सचिवालय थाना की टीम ने उन्हें अनशन स्थल हिरासत में लिया. इस मामले में विधायक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई. हालांकि बाद में पीआर बांड भरवाकर विधायक को पुलिस ने छोड़ दिया. 

पांच घंटे तक हिरासत में रहे विधायक सरोज यादव
सचिवालय थानाप्रभारी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि सीएम आवास के सामने विधायक अनशन पर बैठ गए. इसकी सूचना पर सचिवालय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और विधायक से तत्काल उठने का अनुरोध किया. विधायक के नहीं मानने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उन्हें गर्दनीबाग थाना ले जाया गया. तकरीबन पांच घंटे तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद विधायक को शाम 5 बजे के करीब बांड भरवाने के बाद छोड़ दिया गया.

परिवार को मिली बम से उड़ाने की धमकी
फोन पर 10 लाख रुपये की लेवी मांगने और रकम नहीं देने के मामले में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से विधायक पुलिस और शासन-प्रशासन के रवैये से काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि धमकी से उनका पूरा परिवार डरा हुआ है.  क्योंकि कुछ ही दिन पहले अपराधी उनके घर पर परिजनों  के ऊपर हमला कर चुके हैं. विधायक का कहना है कि बार-बार सुरक्षा की मांग किए जाने के बावजूद न तो सुरक्षा प्रदान की गई है और न ही आरोपितों को गिरफ्तार ही किया जा रहा है. इसलिए मजबूरन उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा.

सीएम को रजिस्ट्री पत्र भेजने के बावजूद भी हुई कार्रवाई - सरोज यादव
फर्स्ट बिहार झारखंड से फोन पर बातचीत के दौरान सरोज यादव ने बताया कि अनशन से पहले सीएम को रजिस्ट्री पत्र भेजने के बावजूद भी उनके ऊपर पुलिस कार्रवाई कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे में अनशन से उठाया जाना सरासर गलत है.