PATNA : राजनीतिक गलियारे से बड़ी खबर आ रही है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद की नाराजगी कहीं से कम होती नहीं दिख रही है। रघुवंश प्रसाद सिंह ने जगदानंद के खिलाफ बड़ा बयान दिया है।
पार्टी कार्यालय और पार्टी के भीतर अनुशासन को लेकर नये नियम-कानून पर रघुवंश का गुस्सा बढ़ता ही चला जा रहा है।उन्होनें इशारों में ही जगदानंद सिंह पर फिर से सवाल खड़े किए हैं। रघुवंश ने आज कहा कि मैं अपनी ही पार्टी मैं मुख्य अतिथि बन गया हूं। इस लाइन के जरिए उन्होनें एक बार फिर से पार्टी के नये नियम कानून पर तंज कसा। उन्होनें कहा कि कहावत है न कि 'धन घटल जाय हुकूमत बढ़ल जाए' जैसे-जैसे कानून बढ़ रहा है वैसे-वैसे पार्टी में लोग घट रहे हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी कार्यालय में आयोजित कर्पूरी जयंती समारोह पर भी सवाल खड़े किए। उन्होनें कहा कि बेवजह के कानूनों से कार्यकताओं को खासी असुविधा हुई। कई लोग कार्यक्रम में नहीं जा सके। बैठने का ठीक इंतजाम नही था। राजद कार्यालय में ताला लगा दिया गया।रघुवंश ने कहा कि लोक तंत्र में आत्मानुशासन होता है। इसमें कोई हेडमास्टर और कमांडर नही होता है। किसी भी काम को लोगों के राय से करना चाहिए। कोई भी काम मर्यादा में करना चाहिए ।
इससे पहले रघुवंश प्रसाद सिंह ने नये अनुशासन के नियमों की तुलना मिलिट्री रुल से कर दी थी। उन्होनें आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को इस संबंध में लेटर भी लिखा था। लेटर में उन्होनें जगदानंद के काम के अंदाज पर कड़ी टिप्पणी की थी। यहां तक कि नाराज रघुवंश ने नेता विपक्ष तेजस्वी यादव की घेराबंदी करने से भी बाज नहीं आए थे। रघुवंश प्रसाद सिंह ने जगदानंद के इस बयान पर भी आपत्ति जतायी थी कि तेजस्वी यादव ही सीएम पद के उम्मीदवार हैं जिन्हें रहना है रहें जिन्हें जाना है जाएं। उस पर रघुवंश ने जगदानंद की भाषा पर सवाल खड़े किए थे। वहीं रघुवंश ने आरजेडी ऑफिस की सरकारी दफ्तर से तुलना करते हुए यहां तक कह दिया था कि यहां का हाल कलक्टर के दफ्तर से भी बुरा है।