GAYA : क्या लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल यह चाहती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद ही महागठबंधन का दामन छोड़ दें? ये सवाल इसलिए उठ रहे क्योंकि जानबूझकर आरजेडी की तरफ से ऐसे बयान दिए जा रहे जिससे सीएम नीतीश कुमार को पॉलिटिकल नुकसान हो सकता है। जब से बिहार में जेडीयू और आरजेडी के गठबंधन वाली सरकार बनी है। तभी से सनातन पर लगातार हमले हो रहे। हिंदू आस्था को लगातार आहत किया जा रहा। ऐसे में अब इस पूरे प्रकरण को लेकर विजय कुमार सिन्हा ने जोरदार हमला बोला है।
विजय कुमार सिन्हा ने राजद के तरफ से हिंदू धर्म को लिए जा रहे बयानों को लेकर कहा है कि- जिसका जो संस्कार और संस्कृति है उसी के हिसाब से वह समाज के बीच दिखाई पड़ता है। इनलोग हमेशा सनातन के संतानों को अपमानित करके तुष्टिकरण की राजनीति से सत्ता प्राप्त करना चाहती है। और यही उनकी विदाई का कारण बनेगा।
अभी तक समझ में नहीं आ रहा है की भारत मां भारती के संतानों के लिए है कोई भी जाति,धर्म,क्षेत्र,भाषा का सभी के प्रति सम्मान भाव है यही हमारा धर्मनिरपेक्षता होनी चाहिए।लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति से धर्मनिरपेक्षता और सनातन के संतानों को उसी के देवी देवताओं पर बार -बार बयान देना इनके अंत का समय निकट है।
मालूम हो कि, बयान फतेह बहादुर सिंह का आया है जो आरजेडी के विधायक हैं। सासाराम से आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक बार फिर से हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है। उनका कहना है कि मां सरस्वती विद्या की देवी नहीं है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या देवी सरस्वती की पूजा विद्यालयों में की जानी चाहिए?
आपको बताते चलें कि, बिहार में लगातार कभी पोस्ट के जरिए तो कभी बयानों के जरिए आरजेडी की तरफ से लगातार हिंदू आस्था पर सवाल उठाए जा रहे। बिहार के राजनीतिक जानकारों के निगाह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे समाजवादी हैं, जो सभी धर्म का सम्मान करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने वाले बयानों पर संयम बरतने की अपील आरजेडी के विधायकों से कर चुके हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया के समक्ष हाथ जोड़कर यह कहा था कि वह सभी धर्म का सम्मान करते हैं।