PATNA : भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर के ऊपर उत्तर प्रदेश में एक और मामला दर्ज किया गया है. इसबार अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर का भी नाम एफआईआर में दिया गया है. बिहार के रहने वाले इस दंपति ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने फर्स्ट बिहार से बातचीत में यह बताया है कि अमिताभ ठाकुर के ऊपर जो कार्रवाई हो रही है, यह राजनीति से प्रेरित है. अमिताभ ठाकुर की 'सियासी गिरफ्तारी' हुई है. क्योंकि इन्होंने मुख्यमंत्री के सामने खड़ा होने का साहस जुटाया है.
मूल रूप से बिहार की रहने वाली नूतन ठाकुर ने फर्स्ट बिहार झारखंड से बातचीत की और उन्होंने बताया कि जानबूझकर उनके पति अमिताभ ठाकुर को फंसाया जा रहा है. चूंकि उनके पति ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव में लड़ने का एलान किया. इसलिए सीएम ने अपने पुलिसिया तंत्र का गलत इस्तेमाल करते हुए अमिताभ की 'सियासी गिरफ्तारी' करा दी और उन्हें थाने में बंद कर दिया. गौरतलब हो कि जबरिया रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर भी बिहार के ही रहने वाले हैं. इसलिए कहा जा रहा है कि जानबूझकर बिहार के बेटे-बहू के साथ अत्याचार किया जा रहा है.
अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने फर्स्ट बिहार से बातचीत करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि उनके पति को केवल इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी, जबकि पीड़िता के उसी बयान में एक वर्तमान जज के साथ-साथ कई अन्य पुलिस अधिकारियों के ऊपर भी आरोप लगाए गए हैं, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
नूतन ठाकुर ने कहा कि उनके घर की एक सप्ताह पहले से ही घेराबंदी कर दी गई थी. हमें हाउस अरेस्ट किया गया था. हर आने-जाने वाले पर निगाह रखी जा रही थी. हम किससे मिल रहे थे, इसकी पूरी निगरानी की जा रही थी. ऐसे में हमें इस बात का अंदेशा था कि सरकार इस तरह का कदम उठा सकती है. लेकिन उन्हें इस बात का भरोसा नहीं था कि आईजी रैंक के अधिकारी की गिरफ्तारी के दौरान प्राथमिक स्तर तक का शिष्टाचार नहीं निभाया जाएगा. हमें न तो एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराई गई और न हमारा दोष बताया गया. उल्टे जब हम थाने में गए तो एक और मुकदमा हमारे ऊपर लाद दिया गया. ये सब राजनीति और सत्ता में बैठे बड़े लोगों के इशारे पर हो रहा है. पुलिसिया तंत्र जानबूझकर हमें फंसाया जा रहा है.
नूतन ठाकुर ने आगे बताया कि उनके पति अमिताभ ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में जाने की बात थी. उस दिन शुक्रवार को पुलिस वाले हमारे घर पर सुबह तैनात किए गए. फिर दोपहर को तमाम पुलिस वाले आए और उनसे बोले कि साथ चलें. कोई कारण स्पष्ट नहीं किया। बस इतना बताया कि हम कह रहे हैं तो हमारे साथ चलें. गिरफ्तारी के सवाल पर पूछताछ का हवाला दिया गया और कहा गया कि चलना ही होगा.
मीडिया के जरिए जो कारण पता लगा कि दिल्ली में एक युवक और युवती ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह किया था. उस मामले में अरेस्ट किया गया. पर घटना दिल्ली की है. कार्रवाई होती तो वहां होती. शुद्ध रूप से सियासी कारण से, परेशान करने के लिए उन्हें अरेस्ट किया गया. कोई सूचना भी नहीं दी गई. घर से जबरन उठा लाए. कोई दस्तावेज भी नहीं मुहैया कराया, ताकि हम कोई कानूनी प्रक्रिया को अपनी ओर से आगे बढ़ा सकें.
गौरतलब हो कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर फिलहाल न्यायायिक हिरासत में हैं और अगले महीने 9 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे. 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह मामले में इनके खिलाफ पीड़िता को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगा है. इस मामले में अमिताभ ठाकुर के साथ-साथ वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, एक जज, वरिष्ठ अधिकारी वीपी सिंह, सीओ अमरेश सिंह, थाना अधिकारी संजय राय और उनके बेटे विवेक राय का नाम लिया था. लेकिन अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर का कहना है कि सिर्फ और सिर्फ अमिताभ पर जानबूझकर कार्रवाई की जा रही है. बाकी किसी भी अधिकारी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिसका नाम पीड़िता ने सुसाइड से पहले वीडियो में लिया था.
अंत में फर्स्ट बिहार से नूतन ठाकुर ने कहा कि हमने पूरी जिंदगी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है और आगे भी हमारी लड़ाई जारी रहेगी. अमिताभ ठाकुर निर्दोष हैं और ये बात कोर्ट में साबित हो जाएगी. सिर्फ ऊपर के लोगों के इशारे पर यह कार्रवाई की जा रही है. हमें कोर्ट से न्याय की पूरी उम्मीद है.