DESK : गणतंत्र दिवस की परेड कई मायने में खास होने जा रही है. कोरोना संकट के कारण इस बार परेड में काफी बदलाव हुआ है, लेकिन इस बार सबसे खास रहा राफेल लड़ाकू विमान, जिसने पहली बार परेड में अपना दम दिखाया. राफेल लड़ाकू विमान को वायुसेना का हिस्सा बने कुछ ही वक्त हुआ है और ये पहला गणतंत्र दिवस है जब राफेल ने अपना दम दिखाया.
राफेल लड़ाकू विमान ने फ्लाइ पास्ट के अंत में अपने करतब दिखाया, उसके साथ दो जगुआर लड़ाकू विमान और दो मिग-29 भी थे. हालांकि, राफेल पर नज़र इसलिए भी थी क्योंकि इसने इस बार वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन में अपना दम दिखाया.
क्या है वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन?
लड़ाकू विमान जब दुश्मन का सामना करते हैं, तो उसका सफाया करने के साथ-साथ खुद को बचाने का भी प्रयास करते हैं. पायलट अपने विमान को बचाने के लिए कई तरह के करतब भी करता है, ताकि दुश्मन का सीधा निशाना उसके विमान पर ना लगे. इन्हीं में से एक फॉर्मेशन का नाम है ‘वर्टिकल चार्ली’ फॉर्मेशन.
राफेल के साथ अन्य विमान भी हुए शामिल
इस फॉर्मेशन के दौरान जब राफेल ने उड़ान की शुरुआत की, तब वह जमीन के काफी करीब था. फिर अचानक ही ऊंचाई की ओर रुख करते हुए और ऊपर ही जाता चला गया. इस दौरान कुछ रोशनी भी देखी गई, जो उस करतब के साथ-साथ खुद को बचाने की एक नीति थी. अधिक उंचाई में जाने पर राफेल लड़ाकू विमान ने कई बार हवा में ही पलटी मारी और अपना दम दिखाया. इसे ही वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन कहा जाता है.
बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में कुल 41 लड़ाकू विमान शामिल हुए. बीते साल ही भारत ने फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमान लिए थे, आने वाले कई सालों में फ्रांस से कई और राफेल भारत पहुंचेंगे. गणतंत्र दिवस के मौके पर ही भारत की थल सेना, वायुसेना, जल सेना की शक्ति को देखा जाता है. राजपथ पर आधुनिक हथियारों और जवानों के जज्बे को भी दिखाया जाता रहा है.