PATNA: जदयू नेता और राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह ने कहा कि हमारे देश का संविधान सभी धर्म संप्रदाय को समान आदर देता है और किसी भी संप्रदाय के प्रताड़ना के खिलाफ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन कानून पड़ोसी देशों में प्रताड़ना के शिकार लोगों को नागरिकता देने के लिए है न कि किसी भी नागरिक के नागरिकता के छिनने के लिए है. इसके लिए तरह-तरह के भ्रम से छात्र युवा को बचना है और उसका तथ्यात्मक तरीके से मुकाबला करना है. विद्यापति भवन में रविवार को छात्र जदयू के द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित पर्यावरण जागरुकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
आरपीसी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का 1893 में शिकागो में दिया गया भाषण युवाओं को सहनशीलता सिखाता है और इससे हमें मार्गदर्शन मिलता है. उन्होंने कहा कि सहनशील बनकर ही हम जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं.
जदयू के विधान पार्षद रणबीर नंदन ने कहा कि सही काम करने की कोई उम्र नहीं होती इसलिए पृथ्वी पर आए मानव को अच्छा काम करके अपने को स्थापित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन का कोई जोड़ नहीं है जो हमें स्वामी विवेकानंद की जीवनी से प्रेरणा मिलती है. स्वामी विवेकानंद ने समाज में आध्यात्म को स्थापित कर युवाओं को अपने कर्म के प्रति आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि विवेकानंद जी सामाजिक समरसता के प्रतीक थे उन्होंने समाज के सभी धर्म संप्रदाय को साथ लेकर चलने का संदेश दिया.