आरसीपी ने नीतीश पर फिर किया ट्वीट, कहा-नीतीश बाबू राहुल गांधी से मिलकर बहुत आनंद आ रहा है ना!

आरसीपी ने नीतीश पर फिर किया ट्वीट, कहा-नीतीश बाबू राहुल गांधी से मिलकर बहुत आनंद आ रहा है ना!

DELHI: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। लालू से मुलाकात के बाद आज दूसरे दिन नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। इस दौरान नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सबकुछ फिक्स हो गया है अब हम अधिक से अधिक पार्टियों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे और साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे। दिल्ली में विपक्षी पार्टियों की इस मुलाकात पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह हमलावर मूड में नजर आ रहे हैं। आज फिर लंबा चौड़ा ट्वीट कर नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। आरसीपी ने कहा कि आजकल दिल्ली में नीतीश बाबू के पैर थिरक रहे हैं। कल राजद सुप्रीमो श्रीमान लालू जी की शरण में और आज कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमान राहुल गांधी जी के बग़ल में जा बैठे हैं। नीतीश बाबू को बहुत आनंद आ रहा है न !


आरसीपी सिंह ने यह हमला ट्वीट के जरीये की है। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आरसीपी सिंह ने आगे लिखा कि ज़रा समाजवाद के अपने पुरखों - डॉ राम मनोहर लोहिया जी ,लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी एवं जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के सिद्धांतों एवं विचारधाराओं को याद करिए। कैसा लग रहा होगा डॉक्टर लोहिया जी को। ग़ैर कांग्रेसवाद की उनकी परिकल्पना, सोच और कार्य को कॉंग्रेस की गोद में जाकर आपने मिट्टी में मिला दिया। आप इससे सहमत हैं की नहीं नीतीश बाबू? 


लोहिया जी ने कांग्रेस पार्टी के ख़िलाफ़ विपक्षी एकता को अमलीजामा पहनाया था और आप कॉंग्रेस पार्टी के साथ मिलकर विपक्षी एकता की मुहिम में लगे हैं।क्या यही आपका लोहियावादी , ग़ैर कॉंग्रेसवाद विचारधारा के प्रति प्रेम है ? लोहिया जी तो लोहिया जी , आज की तस्वीर देखकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी को कैसा लग रहा होगा ? क्या नीतीश बाबू आप भूल गए कि जून 1975 में इमरजेंसी के दौरान जेपी को जेल में ठूस दिया गया। 


आप जैसे लाखों युवाओं,छात्रों को MISA के अंदर नज़रबंद कर दिया गया।भारतीय संविधान की पूरी रूपरेखा को 42वें संशोधन के माध्यम से ध्वस्त कर दिया गया। नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया। प्रेस  एवं मीडिया को सेंसर कर दिया गया।संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त किया गया। ये अब आपको याद नहीं है नीतीश बाबू ! 


आप ये भी भूल गए कि जेपी की किडनी इमरजेंसी के दौरान ही ख़राब की गई।आप ये भी भूल गए कि कितने लोगों की जानें चली गई इमरजेंसी के दौरान। आपके भूलने का एक ही कारण लगता है , वो है आपका कुर्सी प्रेम। आपका नारा ,अब समाजवाद ; सप्तक्रांति एवं संपूर्ण क्रांति का ना होकर कुर्सीवाद हो गया है । अन्यथा कैसे कोई डॉ राम मनोहर लोहिया जी , लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी के आदर्शों को मानने वाला व्यक्ति कांग्रेस जैसी वंशवादी पार्टी के साथ खड़ा हो सकता है। 


नीतीश बाबू पटना पहुँचकर सबसे पहले JD(U) कार्यालय के कर्पूरी सभागार में लगी डॉ॰ राम  मनोहर लोहिया जी, लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी एवं जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की तस्वीर तो कम से कम हटा लीजिए क्योंकि जब उनके विचारों का गला घोंट ही दिया है तो उनकी तस्वीरों का क्या मतलब । नीतीश बाबू अब आप नारा लगवाइए - कुर्सीवाद ज़िंदाबाद !   कुर्सीवाद ज़िंदाबाद ! वंशवाद ज़िंदाबाद !  परिवारवाद ज़िंदाबाद ! आप धन्य हैं नीतीश बाबू ! आपको शत शत नमन ।


इससे पहले भी 11 अप्रैल की रात साढे नौ बजे आरसीपी सिंह ने एक ट्वीट के जरीये नीतीश पर हमला बोला था। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। मंगलवार को दिल्ली पहुंचते ही वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती के आवास पर गये थे। जहां उन्होंने लालू प्रसाद को बुके भेट की और उनका हालचाल जाना। लालू से मुलाकात के बाद बड़े और छोड़े भाई का फोटो सामने आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने ट्वीट कर नीतीश पर हमला बोला था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि लालू जी शरणं गच्छामि ! इस फोटो के माध्यम से नीतीश बाबू कह रहे हैं-भाई साहब आप सही थे और मैं ग़लत था । मुझे माफ़ कर दीजिए । नीतीश बाबू ,बिहार की जनता, आपके समर्थक, शुभचिंतक इस फोटो का क्या अर्थ निकालें? 


1.क्या आप श्रीमान लालू जी को यह कह रहे हैं की भाई साहब 1994 के बाद मैंने जो आपके ख़िलाफ़ राजनीति की वो एक भूल थी , ग़लत था एवं बिना सोचे समझे था। 

2.भाई साहब 1994 के बाद विभिन्न चुनावों के अवसर पर ,संसद में, विधान सभा में , विधान परिषद में आपके एवं आपके कार्यकाल के बारे में मैंने जितने भाषण दिए वो सभी असत्य थे ,बिना सोचे समझे एवं तथ्य से परे थे।

 3.भाई साहब आपके ख़िलाफ़ मेरे कुछ सहयोगियों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये, न्यायालयों में आपके ख़िलाफ़ केस किए एवं आपको भ्रष्टाचार के मामले में सज़ा भी हुई, वह ग़लत था और मैं उससे सहमत नहीं था ।इसके लिए मुझे आप माफ़ कर दीजिए। 

4.नीतीश बाबू ,बिहार की जनता ये जानना चाहती है कि लोक सभा चुनावों में लालू जी के ख़िलाफ़ चुनाव जीतकर आप केंद्र में रेल मंत्री, कृषि मंत्री एवं भूतल परिवहन मंत्री बने, वो आपका निर्णय ग़लत था ।        

5.2005 में NDA के नेतृत्व में लालू जी के ख़िलाफ़ चुनाव जीतकर आप  बिहार के मुख्यमंत्री बने, वो आपका निर्णय ग़लत था ।    

 6.अगर ऐसी बात है नीतीश बाबू तो आपको लालू जी और उनके परिवार के साथ ही बिहार की जनता से ,करोड़ों मतदाताओं से अपनी गलती स्वीकार कर सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगनी चाहिए । साथ ही जिन कार्यकर्ताओं ने लालू जी के ख़िलाफ़ संघर्ष किया एवं आपका साथ दिया ,बलिदान दिया , उनसे भी आपको माफ़ी माँगनी चाहिए की मेरी राजनीति ग़लत थी ।         

7.जब जैसी, तब तैसी , गुड़ खाइए गुलगुले से परहेज़ ,नीतीश बाबू !