RCP के करीबियों की प्रदेश मुख्यालय से छुट्टी, ललन सिंह बोले.. JDU में अनुशासनहीनता के लिए जगह नहीं

RCP के करीबियों की प्रदेश मुख्यालय से छुट्टी, ललन सिंह बोले.. JDU में अनुशासनहीनता के लिए जगह नहीं

PATNA : जनता दल यूनाइटेड में आरसीपी सिंह के करीबी नेताओं के ऊपर अब गाज गिरने लगी है. आरसीपी सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटने के साथ ही माना जा रहा था कि ललन सिंह और उनके करीबी नेताओं को किनारे लगा सकते हैं. आज प्रदेश कार्यालय में प्रकोष्ठों की समीक्षा की इस दौरान उन्होंने कई प्रश्नों के अध्यक्षों को संगठन में मजबूती से काम नहीं करने के लिए क्लास भी लगाई है. लेकिन सबसे बड़ी खबर यह है कि आरसीपी सिंह के करीबी माने जाने वाले पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार और चंदन सिंह की छुट्टी प्रदेश मुख्यालय से कर दी गई है. प्रदेश मुख्यालय प्रभारी के तौर पर काम कर रहे अनिल कुमार और चंदन सिंह दोनों आरसीपी सिंह के करीबी माने जाते हैं.


अब इन नेताओं की जगह प्रदेश मुख्यालय का जिम्मा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन कुमार आर्य, महासचिव मृत्युंजय कुमार, वासुदेव कुशवाहा और मनीष कुमार को दी गई है. इसके साथ ही ललन सिंह ने ऐलान कर दिया है कि पार्टी में किसी भी स्थिति में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अनिल कुमार सिंह को किशनगंज जिले का प्रभारी बनाया गया है. तो वही चंदन सिंह को अररिया जिले का प्रभार दिया गया है.


इसके साथ ही संगठन में जनता दल यूनाइटेड के अंदर बड़ा बदलाव किया गया है. अब जेडीयू में लोकसभा और विधानसभा प्रभारी नहीं रहेंगे. प्रकोष्ठ की वजह से समानांतर संगठन बनता जा रहा था. अब जिला अध्यक्ष के साथ मिलकर ही संगठन के लोगों को काम करना होगा. अब हर जिले में दो-दो प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी.


जदयू की बैठक के बाद ललन सिंह ने कहा है कि सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की ओर से किए गए काम के बारे में उन्होंने जानकारी ली है. मुख्य कमेटी के साथ मिलकर सभी प्रकोष्ठ अब काम करेंगे.  पार्टी के जिला अध्यक्ष भी प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ मिलकर काम करेंगे. जिला प्रदेश और प्रखंड यूनिटी अब सक्रिय तौर पर संगठन के लिए काम करेगी. 


ललन सिंह ने यह तय किया है कि फिलहाल लोकसभा और विधानसभा प्रभारी के तौर पर काम कर रहे नेताओं को संगठन में समायोजित किया जाएगा. पार्टी के पदाधिकारियों की राय के आधार पर ही आगे कोई फैसला होगा. प्रदेश अध्यक्ष इस मामले में फैसला लेंगे.