PATNA : बिहार में रामनवमी के दौरान सासाराम और बिहार शरीफ में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली थी। जिसके बाद इलाके में लगभग 1 सप्ताह तक इंटरनेट सेवा बाधित रही और धारा 144 लागू कर दिया गया।दावा तो यह भी किया जाता है कि कुछ छूट के साथ बिहारशरीफ में अभी भी 144 लागू है। इसी कड़ी में अब पटना हाईकोर्ट में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बड़ा निर्देश दिया गया है।
दरअसल, पटना हाईकोर्ट में कुछ दिनों पहले बिहारशरीफ में रामनवमी पर हिंसा को लेकर एक लोकहित याचिका दाखिल की गयी थी।इस याचिका में इस मामले कीच जांच हाईकोर्ट के अवकाशप्राप्त जज सीबीआई या एनआइए से कराए जाने की मांग की गई। अब मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश राजीव राय की खंडपीठ पर सुनवाई की। वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि बिहारशरीफ में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हिंसा हुई। हिंसा में जान-माल की हानि हुई। याचिका में मामले की मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद होगी। इस दौरान ने कोर्ट ने राज्य सरकार को की गई कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
वहीं, वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि बिहारशरीफ में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हिंसा हुई। हिंसा में जान-माल की हानि हुई। अधिवक्ता ने कोर्ट को आगे बताया कि हिंसा के कारण व्यवसायी वर्ग को करीब दो सौ करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने कोर्ट से गुहार की है कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के अवकाशप्राप्त जज से कराई जाए या सीबीआइ या एनआइए से कराई जाए। लोकहित याचिका में कोर्ट से यह भी अनुरोध किया गया है कि जिनकी क्षति हुई है, उन्हें राज्य सरकार क्षतिपूर्ति दे।
इसके बाद खंडपीठ ने सभी सम्बंधित पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामलें में उठाए गए कदमों और प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा कोर्ट के समक्ष अगली सुनवाई में प्रस्तुत करें। महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा। अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद की जाएगी।