PATNA : रामायण और मनु स्मृति की आलोचना कर बुरे फंसे बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री को अबतक अपनों का भी साथ नहीं मिल रहा था। आलम यह था कि, उनके ही सरकार में शामिल लोग इसे निजी बयान बता रहे थे तो कोई जानकारी नहीं होने का हवाला दे रहे थे। वहीं, भाजपा के नेता इस मसले को लेकर एक सुर से बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री पर सवाल खड़े कर रहे थे। इसके बाद अब राजद नेता और बिहार सरकार के मंत्री को अब अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता का साथ मिल गया है। उन्होंने यह तक कह डाला है कि, रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट है।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बिना मंत्री का नाम लिए डा. राम मनोहर लोहिया के हवाले से कहा कि रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट भी है और हीरा मोती भी। कूड़ा करकट बुहारने के चक्कर में हीरा मोती भी नहीं बुहार देना चाहिए। हीरा मोती खाने के चक्कर में कूड़ा करकट नहीं खा लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, समाजवादी आंदोलन के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया ने राम और रामायण मेले के आयोजन को लेकर सर्वाधिक लेख लिखे हैं। डॉक्टर लोहिया सभी भाषाओं में उपलब्ध रामायण के प्रशंसक हैं। पर उनका मन तुलसी के रामायण में रमा हुआ है। तुलसी की रामायण में आनंद के साथ-साथ धर्म भी जुड़ा हुआ है।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि तुलसी की कविता आदमी को टिकाती हैं और जोड़े रखती हैं। तुलसी एक रक्षक कवि हैं। जब चारों तरफ से अभेद हमले हों तो बचाना, थामना, टेकी देना शायद ही तुलसी से बढ़कर कोई कर सकता है। बाल्मीकि और एवं दूसरे रामायण में प्रेम को इतनी बड़ी जगह नहीं मिली जितनी की तुलसी की रामायण में है।
गौरतलब हो कि, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पिछले दिनों राजधानी पटना में आयोजित एक समारोह में छात्र छात्राओं के बीच अपनी बातों को रखते हुए कहा था कि, रामचरित मानस समाज को बांटने वाला ग्रंथ है। इसमें कई ऐसी लाइन हैं जिससे समाज को बांटने की बात कही गई है। जिसके बाद इसको लेकर जमकर विवाद हुआ है। इसके बाद अब शिवानंद तिवारी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।