PATNA : बिहार में AES बीमारी से 170 से ज्यादा मासूमों की मौत हो गई. उससे ज्यादा बच्चे अभी भी जिंदगी के लिए मौत से लड़ रहे हैं. लेकिन खुद को गरीब, दलित और अकलियत का मसीहा घोषित करने वाले राम विलास पासवान को बर्थ डे विश करने से फुर्सत नहीं मिल रही है.
मुजफ्फरपुर के मासूमों से नफरत क्यों ?
पिछड़ों के नाम पर राजनीति कर दिल्ली दरबार में जगह बना चुके रामविलास पासवान को इतनी फुर्सत नहीं की वो मासूमों की मौत पर संवेदना के 2 शब्द ही बोल दें. राजस्थान में पंडाल हादसे में 14 लोगों मौत पर दुख जताना रामविलास पासवान का याद रहता है, लेकिन जिस मिट्टी से जुड़ाव का दावा है वहां 170 से ज्यादा मासूम मर गए लेकिन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान उनके लिए न तो वक्त निकाल सके न ही ट्वीट कर संवेदना के 2 शब्द कहने का जहमत उठा सके.
बर्थडे, बधाई, सब पर मुखर तो मुजफ्फरपुर पर मौन क्यों?
केंद्रीय मंत्री रामविलास पास ट्वीटर पर खूब एक्टिव हैं. ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब वो किसी का बर्थ डे, खिलाड़ियों को बधाई या फिर अपने राजनीति सफर की चर्चा करना ट्वीटर पर भूल जाएं लेकिन बिहार में AES से मासूमों की मौत का मामला शायद उनकी नजरों में इतना बड़ा नहीं कि वो इस पर अपनी चुप्पी तोड़ पाएं.