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1st Bihar Published by: Updated Fri, 29 Jan 2021 07:09:57 AM IST
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DELHI : गुरुवार की शाम किसान आंदोलन को लेकर सरकार ने जो तेवर दिखाने शुरू किए उसके बाद यह माना जा रहा था कि जल्द ही किसान नेताओं पर शिकंजा कसने के साथ प्रशासन गाजीपुर बॉर्डर खाली करा लेगा। लगभग 2 महीने से गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को उठाने के लिए भारी तादाद में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था लेकिन रात भर चले हाई वोल्टेज जाने के बाद आखिरकार सरकार पीछे हट गई और खत्म होते-होते किसान आंदोलन फिर से खड़ा हो गया। 26 जनवरी को हुए हिंसा के बाद जिस किसान आंदोलन के खत्म होने के आसार नजर आ रहे थे उसे किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने दम पर फिर से बचा लिया। किसान आंदोलन के लिए बीती रात राकेश का भावुक होना और उनकी आंखों से आंसू निकलना टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद 4 किसान संगठनों ने अपना धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया। मगर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को और तेज करने की तैयारी हो चुकी है। दरअसल गुरुवार की देर शाम हाईवोल्टेज ड्रामे में राकेश टिकैत ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। इसी दौरान वह रो पड़े.. उन्होंने ऐलान कर दिया कि मरते दम तक धरने से नहीं हटेंगे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राकेश टिकैत फूट-फूट कर रोते नजर आए। टिकैत ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। राकेश टिकैत को देशभर के लोगों ने भावुक होते देखा उसके बाद माहौल बदला और लगभग खाली होने की कगार पर आ खड़े हुए गाजीपुर बॉर्डर के ऊपर एक बार फिर किसानों का आज जमघट तो होने लगा। गाजीपुर बॉर्डर खाली कराने के लिए सरकार की तरफ से किया गया सारा इंतजाम फेल हो गया और आखिरकार देर रात सुरक्षा बल गाजीपुर बॉर्डर से हटा लिए गए। सुरक्षाबलों के वापसी के साथ यह तय हो गया कि फिलहाल टिकट ने आंदोलन को अपने दम पर बचा लिया है।
दिल्ली में आज किसान में एक बार फिर से जुड़ेंगे बॉर्डर पर उनका जमावड़ा होगा। मुजफ्फरनगर में आज किसानों की महापंचायत भी बुलाई गई है। जिंद चंडीगढ़ रोड को किसानों ने जाम किया है और ऐसे में उनकी तरफ से ऐलान किया गया है कि वह दिल्ली कूच करेंगे। उधर देर रात राकेश टिकैत ने एक बार फिर ऐलान किया है कि वह नए कृषि कानूनों की वापसी तक घर नहीं जाएंगे। प्रशासन की तरफ से किसानों को हटने के लिए अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन बाद में सरकार ही बैकफुट पर आ गई।