PATNA: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब केंद्र सरकार में लालू प्रसाद की इतनी चलती थी कि वे राष्ट्रपति को आधी रात में जगा कर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगवा सकते थे, तब उन्होंने बिशेष दर्जा क्यों नहीं दिलाया? 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह की सरकार ने बिहार को विशेष दर्जा क्यों नहीं दे दिया?
उन्होंने मंगलवार को राज्यसभा में देश की आर्थिक स्थिति, तेज विकास दर और बिहार के विशेष राज्य की मांग पर कहा कि जब 14 वें और 15 वें वित्त आयोग ने "विशेष राज्य" की अवधारणा को ही अमान्य कर दिया है और अब किसी भी राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता, तब इस मुद्दे पर बिहार सरकार का कैबिनेट से पारित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना राजनीतिक स्टंट है। अब किसी राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता।
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को 1.40 लाख करोड़ का जो विशेष आर्थिक पैकेज दिया, वह विशेष दर्जा से कई गुना अधिक बड़ी मदद है। लेकिन राजद-जदयू यह स्वीकार नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद केंद्र सरकार में ताकतवर मंत्री रहे, तब इन लोगों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया ?
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की पहल पर यूपीए सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जो रघुरामराजन कमेटी गठित करायी थी, उसने भी "विशेष राज्य" की मांग को खारिज कर दिया था। सुशील मोदी ने कहा कि विशेष आर्थिक पैकेज की राशि खर्च कर बिहार में जो आधा दर्जन से ज्यादा मेगा ब्रिज और 4-लेन,6- लेन सड़कों का नेटवर्क तैयार हो रहा है, वह विशेष दर्जा मिलने से कम नहीं है। यहाँ जो भी बड़ा ढांचागत विकास हुआ, वह विशेष आर्थिक पैकेज और केंद्र की सहायता से संभव हुआ।
आगे उन्होंने कहा कि विशेष केंद्रीय पैकेज से राज्य के 2.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा 1.02 लाख करोड़ की राशि मिलती है।