ARA : सरकार ने भले ही दहेज को लेकर कड़े कानून बना दिए हों पर आज भी समाज में कई लोग हैं इसे नहीं मानते हैं. कई लोग इस कानून को ताक पर रखकर दहेज की मांग करते हैं और नहीं दिए जाने के बाद इसका खामियाजा लड़की और उसके परिवार वालों को भुगतना पड़ता है.
ताजा मामला आरा का है, जहां वशिष्ठ नगर की रहने वाली शोभा को शादी के महज कुछ महीनों के अंदर ही कार के लिए घर से निकाल दिया गया. शोभा की शादी 30 जून. 2019 को गुजरात के साबरमती में रेलवे में लोको पायलट पद पर तैनात गौरव के साथ हुई थी. गौरव मूल रुप से पीरो थाना के डोमन डिहरा का रहने वाला है.
शोभा के पिता वेदनिधि शर्मा ने बताया कि 13 माह पहले उनकी बेटी की शादी धूमधाम से गौरव के साथ हुई थी. शादी में 25 लाख रुपये खर्च भी किए गए थे. शादी के तुरंत बाद विदाई के वक्त ही लड़के और उसके परिजनों ने एसयूवी कार देने की शर्त रख दी. लेकिन इसे देने में लड़की पक्ष के लोगों ने असमर्थता जताई. जिसके बाद लड़के ने दुल्हन को ले जान से इंकार कर दिया. नाते-रिश्तेदारों द्वारा समझाने-बुझाने के बाद किसी तरह वे लोग शोभा को खगौल ले गए,जहां वे किराये के मकान में रहते थे. कुछ ही दिन बाद वे लोग कार की डिमांड करने लगे. फिर मार्च में गौरब शोभा को लेकर साबरमती चला गया. शोभा का कहना है कि वहां भी आर्थिक भयादोहन के लिए मेरा साथ मानसिक, शारीरिक उत्पीड़न शुरू हुआ. पहले तो कार फिर कार के बदले पापा के नाम पर रहे वाराणसी के प्लाट का डिमांड किया गया. मना करने पर पति ने 27 मार्च को बेल्ट से गर्दन दबाकर जान मारने की कोशिश भी की. मामला बिगड़ता देख शोभा ने गुजरात में रह रहे अपने जीजा से मदद की गुहार लगाई, जिन्होंने दूसरे दिन आकर स्थानीय पुलिस की मदद से उसे सुरक्षित घर से निकाला और अपने पास ले गये.. हालाँकि इस मामले में लड़के पक्ष ने आरोप को बेबुनियाद बताया है.
रेल सेवा शुरू होने पर शोभा अपने पिता के घर वशिष्ठ नगर पहुंची, जहां 7 जुलाई को आरा के महिला थाना में मामला दर्ज कराया. लेकिन तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.