राहुल गांधी बोले- PM मोदी देश के किसानों को करना चाहते हैं खत्म, पूरा कृषि सिस्टम अपने 4 दोस्तों को देना उनका लक्ष्य

राहुल गांधी बोले- PM मोदी देश के किसानों को करना चाहते हैं खत्म, पूरा कृषि सिस्टम अपने 4 दोस्तों को देना उनका लक्ष्य

DELHI: राहुल गांधी ने किसानों को लेकर एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला है. राहुल ने कहा कि पीएम मोदी देश के किसानों को खत्म करना चाहते हैं. वह पूरा कृषि सिस्टम को अपने दोस्तों को देना चाहते हैं. उनका एक मात्र लक्ष्य यही है. 

देखिए क्या बोले राहुल गांधी




मित्रों को फायदा पहुंचाना लक्ष्य

राहुल गांधी ने कहा कि कृषि बिल के तीन कानून एक प्रक्रिया है. ये यहां नहीं रूकने वाले इनका लक्ष्य हिन्दुस्तान के किसान को खत्म करना और पूरा कृषि का सिस्टम अपने तीन-चार मित्रों को देना है. अगर आप पिछले 6-7 साल को देखें तो हर इंडस्ट्री में उन्हीं चार-पांच लोगों का एकाधिकार बन रहा है. एयरपोर्ट या टेलीकॉम देखिए, जहां भी आप देखेंगे तो इन्हीं लोगों का एकाधिकार है. इस देश के 4-5 नए मालिक है. आज तक खेती में एकाधिकार नहीं था. आज तक हिंदुस्तान के खेतों का फायदा किसानों, मजदूरों, मिडिल क्लास और गरीबों को जाता था. कैसे एक पूरा ढांचा था जो इन लोगों की रक्षा करता था. उसमें मंडियां और आवश्यक वस्तु अधिनियम शामिल था,लीगल सिस्टम शामिल था. ये तीन कानून खेती में एक बार फिर से आज़ादी से पहले वाली हालत करने जा रहे हैं.

किसानों का करें समर्थन

राहुल गांधी ने कहा कि 4-5 लोगों के हाथ में पूरे कृषि हिंदुस्तान की खेती का ढांचा नरेंद्र मोदी जी दे रहे हैं. इसलिए किसान बाहर सड़कों पर खड़े हैं. हमारे मिडिल क्लास भाइयों और युवाओं को समझना होगा कि किसान अपनी रक्षा नहीं कर रहे हैं बल्कि वो आपकी और आपके भोजन की रक्षा कर रहे हैं. हम सभी को किसानों को अपना पूरा का पूरा समर्थन देना है.


किसानों को थका नहीं सकते

राहुल गांधी ने कहा कि ये हिंदुस्तान की सच्चाई है. सरकार और उनका अहंकार समझता है कि किसानों को थकाया जा सकता है. उन्हें बेवकूफ बनाया जा सकता है. किसानों को ना तो थकाया जा सकता है, ना उन्हें बेवकूफ बनाया जा सकता है. प्रधानमंत्री से ज्यादा समझ हिंदुस्तान के किसान को है कि क्या हो रहा है क्या नहीं हो रहा है. यही सच्चाई है और इसका एक ही उपाय है कि इन तीन काले क़ानूनों को वापस लेना पड़ेगा. सरकार किसानों को भटकाने की कोशिश कर रही है. सरकार किसानों से कह रही है कि बात करिए हमसे. 9-10 बार की बातचीत हो चुकी है लेकिन सरकार इसे घसीटते जा रही है.