बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: Aryan Anand Updated Thu, 08 Feb 2024 08:37:32 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के बने होते है उन्हें दूसरे के घर पर पत्थर नही फेंकना चाहिए, पर इतनी समझ राहुल को आ जाती तो शायद कांग्रेस का यह हाल नही होता। खैर राहुल खुद देश की जनता को बता दें कि वे खुद किस जाति से आते है?
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि अगर जनता राहुल गांधी के जात पर प्रश्न उठाने लगेंगे तो फिर वे क्या जवाब देंगे? जात तो छोड़िए अगर जनता यह पूछ ले कि आपके पिताजी किस जात तो छोड़िए किस धर्म के थे, वे किस धर्म के है तो राहुल की स्थिति वैसे ही हो जायेगी जैसा आज सभी राज्यों में कांग्रेस की स्थिति है। हमारे बिहार में एक कहावत है "बिना पेंदी के लोटा"। यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है उनके ऊपर।
उन्होंने कहा कि देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज से नही बल्कि काफी पहले से अच्छी तरह से जानती है कि वे देश के गुदरी के लाल हैं। बच्चा बच्चा यह जानता है कि वे वैश्य समाज से आते हैं और अगर राहुल भूल गए हैं तो उन्हें याद दिलाने की जरूरत है कि चायवाला से सफर शुरू कर आज वे भारत की जनता के आशीर्वाद से देश के प्रधानमंत्री के पद पर हैं। इसके बाद भी अगर उनकी याददाश्त कमजोर है तो वे 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी बार उन्हें प्रधानमंत्री बनते देख लें।