PATNA : राष्ट्रीय जनता दल छोड़ने का ऐलान कर चुके रघुवंश प्रसाद सिंह ने अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. रघुवंश बाबू ने नीतीश कुमार को जो पत्र लिखा है, उसमें बिहार के विकास को लेकर और किसानों के मुद्दे पर कई मांग रखी है. हालांकि रघुवंश बाबू ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के उस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है, जो गुरुवार की शाम आरजेडी सुप्रीमो ने उन्हें लिखा था.
रघुवंश बाबू ने नीतीश कुमार को तीन अलग-अलग पत्र लिखे हैं. इसके अलावा उन्होंने लोकसभा सांसद और जेडीयू के नेता ललन सिंह को भी एक पत्र लिखा है. रघुवंश बाबू ने अपने पत्र के माध्यम से कई मांगों को नीतीश कुमार के सामने रखा है. उन्होंने जनतंत्र की भूमि वैशाली में झंडोत्तोलन कार्यक्रम को आयोजित करने मांग की और 26 जनवरी को मुख्यमंत्री द्वारा वहां तिरंगा फहराए जाने के राजकीय समारोह के आयोजन की बात कही है. भगवान बुद्ध के भिक्षा पात्र को काबुल से बिहार मंगवाने की मांग भी रघुवंश बाबू ने रखी है. साथ ही साथ मनरेगा कानून में आम किसानों की जमीन में काम करने के मामले में संशोधन की भी मांग उन्होंने रखी है.
रघुवंश बाबू ने बिहार के जल संसाधन मंत्री रहे लोकसभा सांसद ललन सिंह को भी पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने मुजफ्फरपुर वैशाली में गंडक नहर पर पुल बनाने की मांग के साथ-साथ सड़क निर्माण के काम में तेजी लाने की भी मांग रखी है. रघुवंश बाबू का यह पत्र नीतीश कुमार और लल्लन सिंह के लिए ऐसे वक्त में आया है, जब लालू यादव ने उन्हें पत्र लिखकर आरजेडी नहीं छोड़ने के लिए कहा है.
आपको बता दें कि गुरुवार की सुबह रघुवंश बाबू नई दिल्ली एम्स से एक पत्र लिखकर ऐलान कर दिया था कि वह आरजेडी छोड़ रहे हैं. दिन भर रघुवंश बाबू के लेटर पर सियासी बवाल मचा रहा और आखिरकार आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने शाम में उन्हें रांची रिम्स से एक पत्र लिखा इस पत्र में लालू यादव ने बड़े अधिकार के साथ रघुवंश बाबू को आरजेडी छोड़कर जाने से रोकने के लिए अपनी बात रखी. लेकिन लालू के पत्र का जवाब देने की बजाय रघुवंश बाबू और ने अब नीतीश कुमार को पत्र लिख डाला है.