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1st Bihar Published by: Updated Wed, 05 Feb 2020 06:24:39 PM IST
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PATNA: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को चालीस हजार नियोजित शिक्षकों को फोल्डर के 'चूहे' से कुतरने वाला मामला सामने आने पर उन पुराने चूहों की भी याद आ गयी जिन्होनें पुलिस कस्टडी में रखी शराब पी ली थी तो 1100 करोड़ का बांध को भी कुतर डाला था। राबड़ी देवी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा है कि सारा दोष चूहों पर ही क्यों मढ़ा जा रहा है।
राबड़ी देवी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि बिहार में 1100 करोड़ का बांध चूहे खा गए। पुलिस कस्टडी में रखी 9 लाख लीटर शराब चूहों ने पीकर ग़ायब कर दी। अस्पताल में नवजात का हाथ खा गए। और अब 40000 नियोजित शिक्षकों के फ़ोल्डर चूहे कुतर गए। क्या कथित सुशासनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सारा दोष चूहों पर मढ़ा जा रहा है?
बता दें कि बिहार के शरारती चूहों ने एक बार फिर से नया कारनामा किया है। शराब पीने से लेकर बांध तोड़ने वाले शरारती चूहों ने इस बार बिहार के नियोजित शिक्षकों को परेशानी में डाल दिया है। दरअसल नियोजित शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र जांच के दौरान यह पता चला है कि बिहार के शरारती चूहों ने 40 हजार नियोजित शिक्षकों के फोल्डर को कुतर दिया है।
नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति करने वाले इकाइयों ने चूहों के सिर पर बड़ा इलजाम लगाया है। इकाइयों का कहना है कि शरारती चूहों ने 40 हजार नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र वाले फोल्डर को कुतर दिया है। इसके साथ ही कुछ इकाइयों का कहना है कि 10 हजार शिक्षकों के फोल्डर बाढ़ में खराब हो गए। ऐसे ही कई बहानों की वजह से नियोजित शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र की जांच कर रही निगरानी को पांच साल से अबतक 1 लाख नियोजित शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले हैं।
गौरतलब है कि साल 2017 में भी बिहार में जब्त करीब 9 लाख लीटर से अधिक की शराब चूहे पी गए थे। खबर की जानकारी मिलते ही बिहार पुलिस मुख्यालय ने जांच के आदेश दिए थे। उस समय बिहार के राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे पर खूब बहस हुई थी। साथ ही आरोप और प्रत्यारोप का भी दौर चला था।वहीं चूहे एक बार फिर चर्चा में आए जब भागलपुर के कहलगांव में करोड़ों की लागत से बना बांध उद्घाटन से पहले ही टूट गया था। सीएम नीतीश कुमार इस पंप नहर योजना का आज उद्घाटन करने वाले थे। तब तेजस्वी यादव ने राज्यसरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर पूछा था कि नीतीश जी बतायें, 828 करोड़ की लागत से बनी बांध परियोजना को भी चूहे कुतर गए है क्या? जो बांध टूट गया? इसका सेहरा भी चूहों के सिर बांधना चाहिए।