PATNA : बिहार की राजधानी पटना में पिछले दिनों एक सनसनीखेज मामला निकल कर सामने आया था। यहां एक स्कूल के टीचर द्वारा अपनी क्लास की कुछ स्टूडेंट के साथ गलत हरकतों को अंजाम दिया है। इस घटना के बाद पुरे स्कूल में हड़कंप का माहौल बना हुआ है। यहां घटना पटना के बीएन कॉलेजिएट से जुड़ा हुआ था। जहां इस स्कूल में नौवीं की छात्राओं ने शिक्षक राजेश कुमार पर छेड़खानी और मारपीट का आरोप लगाया है।
वहीं, छात्रा से अभद्र व्यवहार मामले में आरोपित शिक्षक व प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में शुक्रवार को तीन सदस्यीय टीम ने स्कूल जाकर जांच-पड़ताल की थी। स्कूल की आधा दर्जन छात्राओं और कुछ छात्रों ने गुरुवार की शाम जिला नियंत्रण कक्ष जाकर एक शिक्षक के खिलाफ अश्लील हरकत एवं अशोभनीय व्यवहार की शिकायत की थी।
बताया जा रहा है कि, इस मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम ने वरीय उपसमाहर्ता अभिलाषा सिन्हा, आइसीडीएस डीपीओ आभा प्रसाद और डीपीओ पूनम कुमारी की तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था। टीम ने जांच के बाद शनिवार को जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित शिक्षक राजेश कुमार ने जांच टीम के समक्ष विरोधाभासी बयान दिया। प्रधानाध्यापिका ने जांच में सहयोग नहीं किया। जांच में यह भी पता चला प्रधानाध्यापिका ने छात्राओं की पूर्व में की गई शिकायतों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की थी।
वहीं, विद्यालय में कोई शिकायत पेटी भी नहीं है, जहां छात्राएं शिकायत दर्ज कर सकें। नोटिस बोर्ड पर भी छात्राओं की सुरक्षा के लिए कोई सूचना प्रदर्शित नहीं की गई है। साथ ही आंतरिक शिकायत समिति का भी गठन नहीं किया गया है। जांच टीम ने पाया कि प्रधानाध्यापिका ने लापरवाही, शिथिलता एवं उदासीनता बरतते हुए सरकार के निर्देशों का उल्लंघन किया। वरीय पदाधिकारी को भी इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है। आरोपित शिक्षक के विरूद्ध लगाए गए आरोप प्रथमदृष्ट्या सही प्रमाणित हुए हैं।
उधर, आरोपों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए जिलाधिकारी ने प्रधानाध्यापिका तथा आरोपित शिक्षक को निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से अनुशंसा की है। छात्राओं के बयान के आधार पर पीरबहोर थाना में आरोपित शिक्षक के खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी भी की गई है।