BEGUSARAI: बेगूसराय के कोरोना क्वारेंटाइन सेंटर पर संचालक के लिए प्रिंटिग प्रेस से महिलाओं के पहनने की चीज़े जैसे ब्लाउज, पेटीकोट, रेडीमेड कपडे अन्य सामन की खरीदारी की गयी है. वही इलेक्ट्रोनिक के दुकान से खाने पीने का सामान आया है. बताया जा रहा है कि कोरोना के शुरुआती दौर 2020 में बेगूसराय के कोरोना सेंटर पर वीत्तीय अनियमितता पाई गयी. 20 अप्रेल से लेकर 20 जून के बीच कोरोना सेंटरों पर लगभग 50 लाख से अधिक घोटाले का मामला सामने आया है. वित्तीय गड़बड़ी की संभावना बताई जा रही है. तत्कालीन अंचल अधिकारी ने सेंटरों पर सामान आपूर्ति की जिम्मेदारी ऐसे संस्थानों को दी थी जो उस सामान का सप्लाई नही कर सकते हैं.
वेल व्यू से कोरोना सेंटर पर मरीजों के सामान मास्क और अन्य सामानों के अलावे ब्लाउज लुंगी गमछा, मग, ग्लास, कटोरी, साबुन, तेल आदि सामानों की खरीदारी की गयी है. इन सामानों के लिए जो वाउचर कटे हैं वो 14 लाख 25 हज़ार का है. बात करे वेल व्यू की तो वह रेडिमेड कपड़ों का विक्रेता है. वहीँ बता दें कि इलेक्ट्रोनिक सामान के विक्रेता से खाने पीने का सामान ख़रीदा गया. इलेक्ट्रोनिक के सामान बेचने वाले एमएस मीनू एजेसी से कोरोना सेंटर पर खाने पीने का सामान लाया गया है, जिसका बिल वाउचर 20 लाख 87 हजार 987 का बनाया गया है. बात करें एलपीजी गैस की तो 33 दिन में 4 लाख का बिल बना है.46 दिनों में 1 लाख 58 हजार 8 सौ की सब्जी खरीदी गयी. वहीं इलेक्ट्रोनिक एजेंसी से 1 लाख 59 हजार 700 का सब्जी का बिल बनाया गया है. अब पानी की बात करें तो 2 लाख 90 हजार 250 का बिल वाउचर बना है.
जानकारी के मुताबिक़ क्वारेंटाइन सेंटर पर सफाई और अन्य कार्यों के लिए 5 लाख से अधिक राशी की भुगतान की गयी है. वहीं, 16 दिन की मजदूरी 4 हजार 464 दिखाई गयी है. जिन मजदूरों को अच्छे से हिंदी नही आती उनकी इंग्लिश देख कर आप मंत्रमुग्ध हो जायेंगे.