क्वारंटाइन सेंटर में बदइंतजामी पर आक्रोश जताने वालों को सरकार ने धमकाया, हंगामा किया तो नहीं देंगे एक भी रूपया

क्वारंटाइन सेंटर में बदइंतजामी पर आक्रोश जताने वालों को सरकार ने धमकाया, हंगामा किया तो नहीं देंगे एक भी रूपया

PATNA : बाहर से लौटे प्रवासी बिहारियों के लिए बनाये गये क्वारंटीन सेंटरों में हर रोज हो रहे हंगामे को रोकने के लिए बिहार सरकार ने नायाब तरीका निकाला है. बिहार सरकार ने आज बकायदा पत्र जारी कर क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे मजदूरों को चेतावनी दी है. इस पत्र का आशय यही है कि अगर सरकार के खिलाफ आवाज उठायी तो सरकार एक चवन्नी नहीं देगी. ना रेल टिकट और ना ही दूसरी कोई मदद.


बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग का पत्र
बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सारे जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है. उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लाउडस्पीकर लगवा कर सारे क्वारंटीन सेंटर में मुनादी करा दें. वो भी 24 घंटे के भीतर. अगर किसी ने विरोध प्रदर्शन किया तो उसे फूटी कौडी नहीं मिलने वाली है.


देखिये सरकारी फरमान का मजमून
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने जिलाधिकारियों को भेजे गये अपने पत्र में लिखा है. “आप सभी अवगत हैं कि प्रखंड क्वारंटीन सेंटर में राज्य से बाहर से लौटे मजदूरगण बड़ी संख्या में आवासित हैं. कतिपय व्यक्तियों द्वारा घर जाने के लिए न सिर्फ दवाब बनाया जा रहा है बल्कि अनुशासन भंग होने की भी सूचनायें प्राप्त हो रही हैं यथा सड़क जाम इत्यादि.” आपदा प्रबंधन सचिव ने अपने पत्र में लिखा है “आप अवगत हैं कि शिकायतों के निवारण हेतु सभी जिला मुख्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित है और इसका नंबर सभी क्वारंटीन सेंटरों में भी प्रदर्शित है. अतः शिकायतों के समाधान के लिए अनुशासन भंग करना या कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है.”


आपदा प्रबंधन सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अगले 24 घंटे के भीतर सभी क्वारंटीन सेंटर में लाउडस्पीकर से मुनादी करा दें. क्वारंटीन सेंटर में रह रहे जो भी प्रवासी अनुशासित ढंग से 14 दिनों प्रखंड क्वारंटीन सेंटर के बाद 7 दिन अपने घरों में होम क्वारंटीन रहेंगे, उन्हें ही रेल भाड़ा वापस किया जायेगा और सरकार द्वारा घोषित दूसरी मदद दी जायेगी.


जाहिर तौर पर सरकार प्रवासी बिहारियों को धमका रही है. दरअसल बिहार सरकार ने बाहर से लौटे लोगों को प्रखंड क्वारंटीन सेंटरों में क्वारंटीन कर रखा है. उन्हें तमाम सुविधायें देने का एलान किया गया था. लेकिन न कहीं सही से खाना मिल रहा है और ना ही कहीं पानी. क्वारंटीन सेंटरों की बदहाली के खिलाफ लोगों का आक्रोश हर रोज फूट रहा है.


सरकार ने पहले ही क्वारंटीन सेंटर में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद बदहाली की खबरें लगातार बाहर आ रही हैं. आक्रोशित लोगों का हंगामा सरकार की भारी फजीहत करा रहा है.  लिहाजा सरकार ने लोगों की जुबान बंद कराने का दूसरा रास्ता चुना है. उन्हें जुबान बंद रखने की धमकी दी गयी है.