PATNA : कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरो पर हैं. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुटी हुई हैं. पार्टी के नेता अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान और चुनाव प्रचार कर रहे हैं. लेकिन इस दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इस फेहरिस्त में पप्पू यादव से लेकर उपेंद्र कुशवाह और मंत्री संजय झा से लेकर पुष्पम प्रिया चौधरी तक का नाम शामिल हैं.
प्रतिबंध के बावजूद मंत्री की सभा
कोरोना काल में सरकार के प्रतिबंधों के बावजूद भी पुष्पम प्रिया चौधरी के कार्यक्रम में लगातार सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो रही है. पुष्पम प्रिया चौधरी के कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. ताजा मामला सुपौल जिले का है. जहां निर्मली गांव में प्लूरल्स पार्टी की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पार्टी की नेता पुष्पम प्रिया चौधरी खुद इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची. इस कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों लोगों के चेहरे पर न तो मास्क था और न ही किसी को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का ख्याल था.
भीड़ जुटाने के लिए बच्चों को बुलाया !
पुष्पम प्रिया चौधरी के कार्यक्रम को लेकर पूरा तामझाम किया गया था. टेंट-पंडाल सब लगाया गया था. इनके कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए दर्जनों बच्चों को बुलाया गया था. इन मासूम बच्चों के चेहरे पर भी मास्क नहीं था और वहां मौजूद कई लोग इसी स्थिति में थे. पुष्पम खुद अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट से इस कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर की हैं. जिसमें साफ़ तौर पर लोग देख सकते हैं कि किस तरह अन्य नेताओं के जैसे ही इनके कार्यक्रम में सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाया जा रहा है.
क्या है नियम
बिहार सरकार अभी कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश को फॉलो कर रही है. इसके तहत पूरे देश में जनसभा करने पर रोक है. केंद्र सरकार ने 21 सितंबर के बाद 100 लोगों की सभा करने की इजाजत दी है. बिहार सरकार ने बकायदा अधिसूचना जारी कर केंद्र के निर्देश को लागू करने का फैसला लिया है. अब सवाल ये है कि क्या सुपौल जिला प्रशासन पुष्पम प्रिया चौधरी के कार्रवाई करेगा.