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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 07 Oct 2023 06:22:35 PM IST
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SAHARSA: सहरसा के सोनबरसा प्रखंड के बैठमुसहरी पंचायत के बसनहीं तरारही संथाली गांव में शनिवार से दो दिनों तक चलने वाला जितिया मेला श्री श्री 108 सार्वजनिक जितमहारानी मंदिर में पूजा के साथ ही प्रारंभ हो गया। यह मेला साल 1951 से ही लगता रहा है। जिसमें मंदिर में पूजा के बाद यहां के आदिवासी समाज द्वारा पूजा प्रारंभ के साथ ही अपने पारंपरिक नाच दसाई संथाल आदिवासी नृत्य कर मेले का शुभारम्भ करता है।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सोनवर्षा के पूर्व विधायक और नवनिर्मांच मंच के संस्थापक किशोर कुमार ने जितमहारानी की पूजा अर्चना कर संथाली युवकों के साथ ढोल-नगाड़ा बजा कर उसके साथ नृत्य कर मेले का शुभारंभ किया। जैसे ही गाना खत्म होता तो संथाली युवक बोलते वन्स मोर, फिर नाच शुरू हो जाता था। पूर्व विधायक बहुत दिन बाद यहां पहुंचे थे, जिससे वे बेहद खुश थे। पूर्व में विधायक तथा संघर्ष के दिनों में हर साल मेले में आकर उनके नृत्य और गाना में भाग लेते थे। यह देर तक चलता रहा और दर्शक आनंद लेते रहे। मेला में दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और माता को चढ़ावा करते हैं, उनका मतारानी में असीम विश्वास है। ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु मन से मनोकामना करता है वह पूर्ण होता है। महिला निर्जला व्रत रख कर अपने पुत्र के जीवन दीर्घायु की कामना करती हैं।
इस अवसर पर किशोर कुमार ने कहा कि यह संस्कृति बहुत प्राचीन तथा समृद्ध है। हम जाति और धर्म से बाहर निकलना नहीं चाहते, नेता इस जाल से लोगों को निकलने नहीं देना चाहते हैं। चुनाव अता है तो राजनीति दल, जाति के तथाकथित नेता हमारे अंदर के जाति स्वाभिमान को जगाकर कहता है कि जाति ख़तरे में हैं। वैसे नेता को जाति की चिंता नहीं है बल्कि उसे अपने परिवार की चिंता है। अभी जाति का सर्वे सरकार ने किया है। अनुसूचित जनजाति की जनगणना हर 10 वर्ष में सरकार करवाती है तो आज का आदिवास समाज पढ़ाई, दवाई, सफ़ाई, कमाई में सबसे पीछे क्यूं है। उन्होंने कहा कि आज दो भारत बन गया है। एक अमीर और दूसरा ग़रीब का भारत। सुविधा, नीति, विकास सब अमीर के ही आस पास है, ग़रीब के हिस्से में जाति-धर्म-नफरत-भ्रष्ट तंत्र और वोट है।
इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक आनंद झा, नवनिर्माण मंच के ज़िला अध्यक्ष विजय कुमार झा, मुखिया रामलगण यादव, पैक्स अध्यक्ष बाबूलाल मंडल, समिति रामजी मुखिया, मस्तान हम्ब्रम, मुन्ना मारंडी, भोला वेसरा, शिवन सोरेन, धिरेंद झा, अमित झा, बाउवा चौधरी, लक्ष्मण झा, फंतूस झा, सूरज पासवान, बिलाश पासवान, बिस्कुट पासवान, बिलो झा, बौनू पासवान, चंडी नाथ झा, महेश्वर झा, अजीत मंडल, सुधाकर मण्डल, बिनोद चौधरी, अनिल मंडल, अमीन मंडल, बबलू सोरेन आदि उपस्थित थे।