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पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने पटना कोर्ट में किया आत्मसमर्पण: एक साल की लुका-छिपी के बाद आखिरकार कानून की गिरफ्त में आये

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 05 Dec 2023 04:48:51 PM IST

पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने पटना कोर्ट में किया आत्मसमर्पण: एक साल की लुका-छिपी के बाद आखिरकार कानून की गिरफ्त में आये

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PATNA:  गया के पूर्व एसएसपी और आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार ने आखिरकार कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को खत्म कराने के लिए आदित्य कुमार ने एक ठग को हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाकर डीजीपी को कॉल कराया था. इस मामले में पिछले साल उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. एक साल तक कोर्ट-कचहरी का खेल चलता रहा. लेकिन पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने आदित्य कुमार को राहत देने से इंकार करते हुए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने को कहा था. 


आज आदित्य कुमार ने पटना कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आदित्य कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पूर्व एसएसपी पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं, इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा था कि जो तथ्य सामने दिख रहे हैं, उस पर कोर्ट अपनी आंखें नहीं मूंद सकती. आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज मामला न केवल न्यायिक कार्यवाही में पवित्रता बनाए रखने से संबंधित है, बल्कि पूरी व्यवस्था में जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिहाज से भी काफी मायने रखता है. 


सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सीलबंद लिफाफे में यह जानकारी देने को भी कहा था कि हाईकोर्ट ने इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है. आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ पिछले साल अक्तूबर में मामला दर्ज किया गया था. निलंबित IPS अफसर आदित्य कुमार पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने केस की पैरवी के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल से पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार के डीजीपी को कॉल करवाया था. 


आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार गया के एसएसपी पद पर तैनात थे. उनके खिलाफ शराब तस्करों से सांठगांठ का केस दर्ज किया गया था. उन पर आरोप लगा कि अपने खिलाफ चल रही कार्रवाई को रद्द कराने के लिए साजिश रची. आदित्य कुमार के दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया, जिसमें पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस की तस्वीर लगाई गई. फिर इसी व्हाट्सएप नंबर से बिहार के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल को कॉल और मैसेज किए गए. फर्जी चीफ जस्टिस ने डीजीपी को कहा कि आदित्य कुमार के खिलाफ चल रहे मामले को बंद कर दिया जाये. इसके बाद डीजीपी ने आदित्य कुमार के खिलाफ चल रहे केस को बंद कर दिया था. 


हालांकि बाद में जब मामला खुला तो आदित्य कुमार औऱ उनके मित्र अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ नया केस दर्ज किया गया था. पिछले साल 15 अक्टूबर को बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने आदित्य कुमार के खिलाफ फर्जीवाड़ा कर शराब कांड को खत्म कराने का केस केस दर्ज किया था. उसके बाद बिहार सरकार ने IPS आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया था.  स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने आदित्य कुमार के खिलाफ छानबीन कर 5 दिसंबर 2022 को 1.37 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था. पुलिस कह रही थी कि आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. लेकिन आदित्य कुमार पकड़ में नहीं आये थे.