ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में ITBP जवान ने खुद को गोली मारी, मौके पर ही मौत, घटना का कारण पता लगाने में जुटी पुलिस रोहतास में 9 फीट का मिला अजगर, देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़, स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू Bihar News: बिहार के इस जिले में SSP का ताबड़तोड़ एक्शन, 24 घंटे में 40 अपराधी गिरफ्तार Bihar Assembly Election 2025 : बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को सम्मानित करेगी BJP, जानिए क्या है पार्टी का पूरा प्लान BSSC CGL-4 : BSSC CGL-4 और ऑफिस अटेंडेंट भर्ती 2025 में वैकेंसी बढ़ी, अब आवेदन की अंतिम तिथि 24 नवंबर Lalganj Sarai accident : लालगंज–सराय मार्ग पर बाइक टक्कर, एक युवक की मौत, दो गंभीर रूप से घायल Domestic Gas Cost : अब सिलेंडर भराने की टेंशन खत्म, दिसंबर से घर-घर पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) सप्लाई शुरू Bihar News: VVCP छात्रवृत्ति परीक्षा में इतने छात्रों की भागीदारी, करियर काउंसलिंग कार्यक्रम हुआ सफल Barbigha news : बरबीघा बायपास पर सड़क हादसे में 20 वर्षीय युवक की मौत, दो युवक गंभीर रूप से घायल Vehicle Fitness Test Price Hike: भारत में बढ़ी व्हीकल फिटनेस टेस्ट फीस, पुराने वाहनों के लिए अब और महंगा होगा टेस्ट; जानें पूरी डिटेल

नहीं रहे जैविक खेती के पुरोधा संजय बनर्जी, सीमांचल के लिए अपूरणीय क्षति

1st Bihar Published by: Tahsin Ali Updated Sun, 31 Jan 2021 10:12:58 PM IST

नहीं रहे जैविक खेती के पुरोधा संजय बनर्जी, सीमांचल के लिए अपूरणीय क्षति

- फ़ोटो

PURNEA :  जैविक खेती के लिए एसबीआई से वीआरएस लेकर खुद को इस दिशा में वर्षों तक समर्पित रखनेवाले पूर्णिया के जैविकमैन संजय बनर्जी का निधन हो गया है. वे पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका इस दुनिया से जाना सीमांचल के लिए अपूरणीय क्षति बताई जा रही है.


जैविकमैन संजय बनर्जी हाल के कुछदिनों से बीमार चल रहे थे. रविवार को उनकी अंतिम चिकित्सा और अंतिम यात्रा में पूर्णिया के बांग्ला साहित्यकार अजय सान्याल साथ रहें. संजय बनर्जी जैविक खेती और समाजसेवा से जुडे थे और हरदिन जैविक खेती के लिए जागरुक और सार्थक बहस में लगे रहते थे. नुक्कड़ कथा कार्यक्रमों की कड़ी से उन्होंने कई सामाजिक प्रयास किये. पूर्णिया में एक बड़े ड्रामा शो देवन मिसिर के आयोजन में उनकी भूमिका खास थी. 


वे पूर्णिया मुंगेर और उत्तर बंगाल के इलाकों में लीज पर जमीन लेकर जैविक खेती कराते और करते रहे. संजय बनर्जी जैविक खेती पर प्रशिक्षण और सम्भाषण के लिए जगह जगह जाते रहे. उन्होंने जैविक खेती की पढ़ाई सिलेबस और मूल बीज के सवाल पर एक कृषि परामर्श हेतु आयोजित राजकीय सभा में सूबे के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री से सीधी बहस की थी. पूर्ववर्ती कृषि मंत्री प्रेम कुमार और कई कृषि पदाधिकारी और विशेषज्ञ उनसे प्रभावित थे.