PURNEA : जैविक खेती के लिए एसबीआई से वीआरएस लेकर खुद को इस दिशा में वर्षों तक समर्पित रखनेवाले पूर्णिया के जैविकमैन संजय बनर्जी का निधन हो गया है. वे पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका इस दुनिया से जाना सीमांचल के लिए अपूरणीय क्षति बताई जा रही है.
जैविकमैन संजय बनर्जी हाल के कुछदिनों से बीमार चल रहे थे. रविवार को उनकी अंतिम चिकित्सा और अंतिम यात्रा में पूर्णिया के बांग्ला साहित्यकार अजय सान्याल साथ रहें. संजय बनर्जी जैविक खेती और समाजसेवा से जुडे थे और हरदिन जैविक खेती के लिए जागरुक और सार्थक बहस में लगे रहते थे. नुक्कड़ कथा कार्यक्रमों की कड़ी से उन्होंने कई सामाजिक प्रयास किये. पूर्णिया में एक बड़े ड्रामा शो देवन मिसिर के आयोजन में उनकी भूमिका खास थी.
वे पूर्णिया मुंगेर और उत्तर बंगाल के इलाकों में लीज पर जमीन लेकर जैविक खेती कराते और करते रहे. संजय बनर्जी जैविक खेती पर प्रशिक्षण और सम्भाषण के लिए जगह जगह जाते रहे. उन्होंने जैविक खेती की पढ़ाई सिलेबस और मूल बीज के सवाल पर एक कृषि परामर्श हेतु आयोजित राजकीय सभा में सूबे के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री से सीधी बहस की थी. पूर्ववर्ती कृषि मंत्री प्रेम कुमार और कई कृषि पदाधिकारी और विशेषज्ञ उनसे प्रभावित थे.