AURANGABAD: कहते हैं प्यार वह है जिसे पाने के जुनून में लोग किसी हद तक गुजर जाते है। ऐसा ही एक मामला औरंगाबाद में सामने आया है जहां पहली नजर में हुआ इश्क इस कदर परवान चढ़ा कि प्रेमी-युगल एक दूसरे से मिले बगैर नहीं रह पाए। प्रेमी अपनी प्रेमिका से मिलने उसके मामा के घर तक पहुंच गया। जहां दोनों को साथ देख परिजनों ने जब पूछताछ की तब पता चला कि दोनों के बीच पिछले साल भर से प्रेम प्रसंग चल रहा है। दोनों एक दूसरे से मिले बगैर नहीं रह सकते और यही कारण था कि युवक अपनी प्रेमिका से मिलने उसके ननिहाल तक पहुंच गया। बातें सुनने के बाद परिजनों ने मंदिर में ले जाकर दोनों की शादी करवा दी।
पहले नजरें मिली फिर इश्क हुआ इश्क धीरे-धीरे परवान चढ़ा और प्रेमी-युगल प्यार में इस कदर पागल हो गये कि बिना मिले रहना मुश्किल हो गया। प्रेमिका जब अपने ननिहाल चली गयी तब प्रेमी उससे मिलने वहां भी पहुंच गया। जहां दोनों को साथ में देख लड़की के मामा ने रिश्तेदारों की मौजूदगी में दोनों की शादी कराने का फैसला लिया। अंबा के सतबहिनी मंदिर परिसर में हिन्दू रिति रिवाज के साथ दोनों की शादी करायी गयी।
बताया जाता है कि सिमरा थाना के अजनिया गांव की रहने वाली प्रीति अपने मामा के घर बैरिया बभंडीह आई हुई थी। इधर गया जिले के छकरबंधा बरहा गांव निवासी अजय पासवान का पुत्र विक्रम अपनी प्रेमिका से मिलने बैरिया पहुंच गया। बताया जाता है कि लड़की का गांव अंजनिया में युवक का ननिहाल है। जहां दोनों के बीच पिछले सालभर से प्रेम प्रसंग चल रहा था।
युवक के बैरिया आने की भनक लड़की के मामा को लग गई थी। जब लड़की के मामा ने दोनों को साथ देखा तब युवक को पकड़कर पूछताछ की तब प्रेम-प्रसंग होने की बात का पता चला। लड़की ने भी इस बात को स्वीकारा। दोनों एक दूसरे के साथ जीने मरने की बात कर रहे थे। जिसके बाद दोनों के परिजनों को इस बात की सूचना दी गई और आनन-फानन में सतबहिनी मंदिर के प्रांगण में दोनों की शादी रचायी गयी।
कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मंदिर बंद होने के कारण मंदिर के बाहर ही भगवान को साक्षी मानकर प्रेमी युगलों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाया और जीने मरने की कसमें खायी। हालांकि शादी के दौरान लड़का पक्ष से कोई भी मौजूद नहीं था। लड़की के परिजनों ने बताया कि फोन पर लड़का के माता-पिता से बात हुई थी। घर दूर रहने के कारण वे शादी में शामिल नहीं हो सके।