शक, शराब और बेरोजगारी ने 13 साल के प्रेम विवाह का किया खौफनाक अंत, पांच लोगों का हंसता-खेलता परिवार खत्म

शक, शराब और बेरोजगारी ने 13 साल के प्रेम विवाह का किया खौफनाक अंत, पांच लोगों का हंसता-खेलता परिवार खत्म

DESK: शक, शराब और बेरोजगारी ने एक हंसते-खेलते परिवार को खत्म कर दिया. 13 साल के प्रेम विवाह का ऐसा खौफनाक अंत होगा किसी ने सोचा भी नहीं था. तीन बेटी और पत्नी की हत्या कर सुसाइड करने वाला प्रदीप की कहानी जो भी सुन रहा है, वो हैरान है. मामला गाजियाबाद के शताब्दीपुरम की है. यहां रहने वाला प्रदीप अपनी ही पत्नी पर शक करने लगा. इसकी वजह थी बेरोजगारी. प्रदीप की पत्नी संगीता एम्स में स्टाफ नर्स थी और उसकी सैलरी 80 हजार थी. संगीता अपने बच्चों का अच्छे से ख्याल रखती थी. जबकि प्रदीप तीन साल से बेरोजगार था और उसे इसी बीच नशे की लत लग गई. इसके बाद प्रदीप अपनी ही पत्नी से चिढ़ने लगा.पर प्रदीप इतना बड़ा कदम उठाएगा, इसका अंदेशा किसी को नहीं था. प्रदीप को संगीता पर था शक बेरोजगार प्रदीप कई तरह का नशा करने लगा. परिवार के लोगों ने लाख समझाया पर प्रदीप पर इसका कोई असर नहीं हुआ. इसी दौरान प्रदीप अपनी पत्नी पर शक करने लगा. उसे हर बात पर रोकने-टोकने लगा. संगीता जब भी किसी से मोबाइल पर देर तक बात करती थी तो प्रदीप को बुरा लगने लगता था और वह उसे बात करने से मना करता. 13 साल पहले दोनों ने किया था प्रेम विवाह प्रदीप और संगीता वर्ष 2006 से दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल में नौकरी करते थे. प्रदीप सुपरवाइजर था और संगीता नर्स थी. दोनों के बीच प्रेम बढ़ा और दोनों ने 17 दिसंबर 2006 को विवाह कर लिया. शादी के एक साल बाद ही संगीता की एम्स में स्टाफ नर्स के रूप में नौकरी लग गई जबकि प्रदीप पिछले तीन साल से बेरोजगार था. सुसाइड नोट में पत्नी पर लगाया आरोप खबर के मुताबिक प्रदीप ने वारदात को अंजाम देने से पहले सुसाइड नोट लिखा था. जिसमें वह अपनी पत्नी के चरित्र पर कई गंभीर आरोप लगाए. छह पन्नों के सुसाइड नोट में उसने पत्नी पर कम प्यार करने का आरोप भी लगाया. सुसाइड नोट के आखिर में प्रदीप ने लिखा कि उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाए और उसे व संगीता की चिता को एक साथ जलाया जाए।