PATNA : देश में लॉकडाउन की आशंका को देखते हुए लगातार दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूर वापस से अपने घर लौट रहे हैं। प्रवासी मजदूरों की वापसी का सिलसिला जारी है। महाराष्ट्र हो या गुजरात, हरियाणा, दिल्ली सभी राज्यों में काम करने वाले बिहारी मजदूर वापस अपने घर को आ रहे हैं। इन मजदूरों को ऐसा लगता है कि अगर इस बार भी कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा तो उनके लिए स्थिति बेहद खराब हो जाएंगी। पिछले लॉकडाउन का अनुभव बेहद खट्टा होने के कारण इस बार यह मजदूर समय रहते अपने गांव पहुंच जाना चाहते हैं।
प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर नीतीश सरकार भी अभी से सक्रिय हो गई है। सरकार ने बिहार में हर जरूरतमंद को काम दिलाने का फैसला किया है। राज्य के ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर रखा है। विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि हम बिहार वापस लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को तत्काल जॉब कार्ड बनाकर देने को तैयार हैं। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जरूरतमंदों को 2 दिन के अंदर जॉब कार्ड मुहैया कराया जाए। इसके बाद उन्हें मनरेगा के तहत तक काम भी मुहैया कराया जाएगा।
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि बिहार से बाहर अन्य राज्यों में काम करने वाले मजदूरों की वापसी को लेकर हम पूरी तैयारी के साथ बैठे हैं। विभाग ने इसके लिए हर स्तर पर दिशा-निर्देश से जारी कर रखा है। मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बाहर से आने वाले जो मजदूर अगर काम करना चाहेंगे उन्हें मनरेगा के तहत काम मुहैया कराया जाएगा। मनरेगा के तहत साल में 100 दिन काम की गारंटी सरकार की तरफ से मुहैया कराई जाती है। मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत अगर किसी को मांगने पर भी काम नहीं मिलता है तो इस संबंध में दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई भी करेगी।