ब्रेकिंग न्यूज़

IIT खड़गपुर के छात्र की हॉस्टल से मिली लाश, बिहार के शिवहर का रहने वाला था आसिफ कमर, परिजनों ने की जांच की मांग मदद की बजाय वीडियो बनाते रहे लोग, कार में जिंदा जल गया युवक NEET पास कराने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी, 3 दलाल को STF ने दबोचा Bihar Politics: ‘बिहार में बनेगी महागठबंधन की सरकार’ पटना में बैठक के बाद मुकेश सहनी का बड़ा दावा बड़हरा की बेटी सोनाली सिंह ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाया कदम, आत्मनिर्भर बनने के लिए किया प्रेरित Pahalgam Attack: पाकिस्तान के खिलाफ भारत का एक और स्ट्राइक, बगलिहार बांध से चिनाब नदी का पानी रोका Pahalgam Attack: पाकिस्तान के खिलाफ भारत का एक और स्ट्राइक, बगलिहार बांध से चिनाब नदी का पानी रोका शराब के बाद गांजा तस्करी के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे धंधेबाज, एम्बुलेंस से 78 kg गांजा बरामद, 3 तस्कर गिरफ्तार महज 11 साल की उम्र में जीजा से शादी, 12 साल बाद देवर से हो गया प्यार; दिलचस्प है कहानी BIHAR NEWS: सहरसा रेलवे यार्ड में बड़ा हादसा, इंजन सेंटिंग के दौरान दो पॉइंट्समैन घायल

PK पर भड़के मोदी, पूछा 2014 में PM मोदी और BJP उनको गोडसेवादी क्यों नहीं लगे

1st Bihar Published by: Updated Tue, 18 Feb 2020 07:15:24 PM IST

PK पर भड़के मोदी, पूछा 2014 में PM मोदी और BJP उनको गोडसेवादी क्यों नहीं लगे

- फ़ोटो

PATNA: प्रशांत किशोर पर बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने पलटवार किया. कहा कि इंवेट मैनेजमेंट करने वालों की अपनी कोई विचारधारा नहीं होती. लेकिन वे अपने प्रायोजक की विचारधारा और भाषा तुरंत अपनाने में माहिर होते हैं. जनता देख रही है कि चुनाव करीब आने पर किसको अचानक किसमें गोडसे के विचारों की छाया दिखने लगी और कौन दूध का धुला सेक्युलर गांधीवादी लगने लगा. 

पाखंडी हैं प्रशांत किशोर

मोदी ने कहा कि अजीब पाखंड है कि कोई किसी को पितातुल्य बताये और पिता के लिए 'पिछलग्गू' जैसा घटिया शब्द चुने. जो व्यक्ति 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के लिए काम करने का डंका पीट चुका हो, उसे बताना चाहिए तब मोदी और भाजपा उसे गोडसेवादी क्यों नहीं लगे?  पिछले ढाई साल से नीतीश कुमार भाजपा के साथ हैं, लेकिन चुनाव से आठ महीने पहले वे गोडसेवादी क्यों लगने लगे?

नया ठेका लेने की कोशिश में

मोदी ने कहा कि बिहार में चंद महीनों बाद चुनाव होने को है. इसलिए हर कोई अभी से अपनी तैयारी कर रहा है और अधिकतम लाभ या सफलता को ध्यान में रख कर बयान दे रहा है. सरकार अपने पांच साल के काम जनता के सामने रख रही है. जो बेरोजगार रहे वे रथ यात्रा निकाल कर अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहते हैं और जो इवेंट मैनेजमेंट और स्लोगन राइटिंग का काम करते थे वे नया ठेका पाने में लग गए हैं. जनता मालिक है और वह केवल काम पर आशीर्वाद देने वाली है.