KOLKATA : JDU से निकाले गये चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बंगाल के रास्ते संसद तक पहुंच सकते हैं. तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक ममता बनर्जी प्रशांत किशोर को राज्यसभा भेज सकती है. बंगाल में इसी साल राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव होना है.
प्रशांत किशोर के राज्यसभा जाने की चर्चा
दरअसल इस साल पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से चार तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं तो एक पर निर्दलीय उम्मीदवार का कब्जा था. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विधायकों की तादाद को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस को फिर से चार सीटें मिलनी तय हैं. तृणमूल कांग्रेस के सीनियर नेता ने बताया कि 2021 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए दीदी नये चेहरों को राज्यसभा भेजने की तैयारी में हैं. फिलहाल तृणमूल कांग्रेस के अहमद हुसैन इमरान, मनीष गुप्ता, जोगेन चौधरी और कुंवर दीप सिंह सांसद हैं जिनका कार्यकाल इस साल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. दीदी इनमें से किसी को रिपीट करने के मूड में नहीं दिख रही हैं. राज्यसभा के नये उम्मीदवारों में प्रशांत किशोर की चर्चा जोरों पर है. हालांकि ममता बनर्जी ने अभी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है.
प्रशांत किशोर के सहारे राष्ट्रीय राजनीति पर नजर
तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मौजूदगी बढाना चाहती है. उन्होंने नोटबंदी से लेकर दूसरे मामलों में बंगाल से बाहर निकल कर राजनीति करने की कोशिश की है. लेकिन उन्हें दिल्ली में मजबूत सहारे की जरूरत महसूस हो रही है. ऐसे में प्रशांत किशोर इस पैमाने पर फिट बैठ रहे हैं. प्रशांत किशोर तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में सहायता कर सकते हैं.
PK पर पहले से मेहरबान रही हैं दीदी
वैसे भी ममता बनर्जी पहले से ही प्रशांत किशोर पर मेहरबान रही है. पिछले साल से ही प्रशांत किशोर ने उनके लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम संभाला है. कोलकाता में प्रशांत किशोर की ममता बनर्जी के दफ्तर और घर तक डायरेक्ट इंट्री है. पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रशांत किशोर को जेड श्रेणी की सुरक्षा भी दे रखी है. PK के बंगाल दौरे के समय पुलिस का लंबा-चौडा दस्ता उनकी सुरक्षा में आगे-पीछे चलता है.
उधर चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बनने को बेताब प्रशांत किशोर को भी राज्यसभा का ऑफर पसंद आयेगा. संसद में मौजूदगी उन्हें राजनीति में स्थापित करने का बड़ा माध्यम बन सकती है. वैसे राजनीति करने के लिए उनकी खास नजर बिहार पर है जहां उन्होंने बात बिहार की अभियान के जरिये युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश शुरू की है.