DELHI: सीनियर वकील और अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी करार दिया है. उनके किए गए ट्वीट पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हे अवमानना का दोषी माना है. सजा पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी.
सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि ट्वीट भले ही अप्रिय लगे, लेकिन अवमानना नहीं है. प्रशांत ने 27 जून को ट्वीट कर लिखा था कि जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया. इसमें वे सुप्रीम कोर्ट खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाए थे. फिर 29 जून को चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की कर आलोचना करते हुए लिखा कि वह कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था.
ट्विटर को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ट्विटर के वकील को फटकार लगाई. पूछा कि जब अवमानना की कार्यवाही शुरू हुई तो ट्वीट डिलीट क्यों नहीं किया. इस पर वकील ने कहा कि अगर कोर्ट आदेश जारी करे तो डिलीट किया जा सकता है. कंपनी खुद कोई ट्वीट डिलीट नहीं कर सकती है.