DESK: चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपनी तुलना शाहरुख खान से की है और तेजस्वी यादव को राजनीति का अभिषेक बच्चन बताया है। प्रशांत किशोर ने इसका कारण भी बताया। परिवारवाद पर तंज कसते हुए पीके ने यह उदाहरण पेश किया है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं काम के बदौलत यहां तक पहुंचा हूं मुझे मेरे काम के कारण ही लोग जानते हैं। लेकिन बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अपने पिता लालू प्रसाद यादव के नाम की वजह से यहां तक आए हैं। उन्होंने आरजेडी में चल रहे परिवारवाद पर तंज कसते हुए बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और अभिषेक बच्चन का उदाहरण पेश किया। प्रशांत किशोर ने खुद को राजनीति का शाहरुख खान और तेजस्वी यादव को राजनीति का अभिषेक बच्चन बताया।
पीके ने कहा कि फिल्म अभिनेता शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरुआत टीवी सीरियल फौजी और सर्कस में काम करके की। जिसके बाद अपनी लगन और मेहनत के बदौलत उन्होंने बॉलीवुड में जगह बनाई। अपनी काबिलियत के दम पर उन्होंने कई वर्षों तक वॉलीबुड में काम किया तब जाकर उनकी कई फिल्म सुपरहिट हुई।
आज लोग उन्हें किंग खान के नाम से भी जानते हैं। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो शाहरुख खान को नहीं जानता होगा। जबकि अभिषेक बच्चन की पहचान यह है कि वो फिल्मों के महानायक अमिताभ के बेटे हैं। यही कारण है कि इस इंडस्ट्रीज में पैर जमाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। उन्हें अपनी पसंद का काम करने का हमेशा मौका मिलता रहा।
उसी तरह तेजस्वी यादव की भी पहचान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हैं जो उनके पिता हैं। लालू यादव का बेटा होने की वजह से उन्हें भी राजनीति में कदम रखने में कोई समस्या नहीं झेलनी पड़ी। प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि यह बिहार का दुर्भाग्य है कि वहां के नेता तेजस्वी यादव को जीडीपी और जीडीपी विकास दर में फर्क ही नहीं पता है।
यह भी दुर्भाग्य है कि ज्ञान और बुद्ध की धरती बिहार में अनपढ़ और बदमाश लोगों को लोगों ने अपना नेता बना रखा है। शाहरुख खान ने जिस तरह से बॉलीवुड में अपनी पहचान खुद बनाई उसी तरह से हमने भी अपनी पहचान खुद बनाई है। इसलिए हमारा भी रास्ता आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि अब जनता को तय करना है कि उन्हें कैसा नेता चाहिए।