PATNA : बुधवार को मंत्री पद का कामकाज संभालने वाले राज्य के खान भूतत्व मंत्री जनक चमार ने विवाद में घिरने के बाद अब मीडिया से ही दूरी बना ली है. जनक चमार ने पदभार ग्रहण करते वक्त प्रधान सचिव की मौजूदगी नहीं रहने पर नाराजगी जताई थी लेकिन शाम होते-होते घटनाक्रम यूं बदला की प्रधान सचिव के सामने आते ही अफसरशाही को लेकर आरोप लगाने वाले मंत्री जी के तेवर नरम पड़ गए. अब मंत्री जी से मीडिया ने जब नाराजगी की बाबत सवाल किया तो हाथ जोड़कर हंसते हुए बोले मैं हंस रहा हूं.
क्या है पूरा मामला
फर्स्ट बिहार आपको बता रहा है कि दरअसल मंत्री जनक चमार और उनकी विभागीय प्रधान सचिव हरजोत कौर को लेकर किस तरह विवाद बढ़ा था और मंत्री जी ने कार्यभार संभालने के साथ ही अफसरशाही को लेकर भड़ास निकाली थी. मंत्री जी ने कहा कि प्रधान सचिव ने उनका अपमान किया है, वे अफसरशाही को ठीक कर देंगे लेकिन दो घंटे बाद कहा कि सारी गलती दो कर्मचारियों की थी, सब मिस कम्युनिकेशन का मामला था. फिर मंत्री का गुस्सा कर्मचारियों पर उतरा. खान और भूतत्व मंत्री जनक राम के कार्यालय में कार्यरत दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया.
प्रधान सचिव के नहीं पहुंचने पर खान और भूतत्व मंत्री के दफ्तर में जो ड्रामा हुआ उसे फर्स्ट बिहार ने दर्शकों को बताया. खबर सत्ता के गलियारे में फैली. खबर विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर तक पहुंची जो उस वक्त अपने विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रही थीं. उन्हे जब खबर मिली कि मंत्री जी अफसरशाही को ठीक कर देने का एलान कर रहे हैं तो वे बुके के साथ मंत्री के दफ्तर पहुंच गयी.
हरजोत कौर जब मंत्री के दफ्तर में पहुंची तो राज खुला. दरअसल खान और भूतत्व मंत्री जनक राम ने एक दिन पहले ही पदभार ग्रहण कर लिया था. मंगलवार को उनके पदभार ग्रहण करने के दौरान प्रधान सचिव हरजोत कौर मौजूद थी. लेकिन मंत्री ने तो मीडिया वालों को ये कह कर बुलाया था कि वे आज पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं. मंत्री के दफ्तर में आज फिर से पहुंची प्रधान सचिव ने उन्हें बुके दिया और कहा कि उन्हें तो किसी ने ये नहीं कहा था कि मंत्री जी आज दफ्तर आ रहे हैं और उन्हें बुलाया गया है.
प्रधान सचिव खुलेआम कह रही थीं कि उन्हें किसी ने बैठक की सूचना नहीं दी थी. लिहाजा दूसरा लाइन लिया गया. मंत्री जनक राम ने कहा कि उनके कार्यालय में कार्यरत दो लोगों ने कहा था कि प्रधान सचिव को सूचना दे दी गयी है और वे आने वाली है. दोनों कर्मचारियों की गलती से ही सारा ड्रामा हुआ है. ऐसे में मंत्री और प्रधान सचिव की मौजूदगी में ही मंत्री के कार्यालय में कार्यरत दो कर्मचारियों राजेंद्र चौहान और संतोष कुमार को सस्पेंड करने का एलान किया गया.