PATNA: बिहार के पंचायती राज संस्थाओं से लेकर नगर निकायों के अधीन काम कर रहे लगभग पौने दो लाख शिक्षकों को कई महीने से लंबित वेतन का भुगतान होगा. बिहार सरकार ने ऐसे शिक्षकों के वेतन औऱ दूसरे खर्च के लिए 35 अरब 51 करोड़ से ज्यादा पैसे खर्च करने की मंजूरी दे दी है. नीतीश कैबिनेट की बैठक में आज ये फैसला लिया गया.
बता दें कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों का वेतन का भार केंद्र सरकार औऱ बिहार सरकार मिल कर करती है. बिहार सरकार की ओर से कहा गया है कि पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने अपने हिस्से का पैसा जारी नहीं किया है. ऐसे मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार अपने मद से सर्व शिक्षा अभियान में 35,51,05,00,000 यानि पैंतीस अरब ईक्यावन करोड़ पाँच लाख रूपये का सहायक अनुदान देगी.
राज्य सरकार ने कहा है कि इस पैसे से पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के अधीन काम कर रहे शिक्षकों के साथ साथ उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में जिला संवर्ग के स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों का वेतन भुगतान होगा. ऐसे शिक्षकों की संख्या 2 लाख 74 हजार 681 है, जिनके वेतन का भुगतान समग्र शिक्षा अभियान के तहत होता है. राज्य सरकार द्वारा मंजूर की गयी राशि से मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऐसे शिक्षकों के वेतन का भुगतान किया जायेगा.
बता दें कि बिहार सरकार आरोप लगाती रही है कि केंद्रीय योजनाओं में केंद्र सरकार अपने हिस्से का पैसा देने में देर करती है. इसका खामियाजा बिहार सरकार को भुगतना पड़ता है.