MUZAFFARPUR: पोते की चाहत ने एक दादी को निर्दयी बना दिया। उसने दो महीने की पोती की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को घर से दूर दफना दिया। दिल को दहला देने वाली घटना मुजफ्फरपुर से सामने आई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की और शव को बरामद किया। वही आरोपी दादा और दादी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
पोते की चाहत में दादी ने ऐसा खौफनाक कदम उठाया कि लोग हैरान रह गये। घटना मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाना क्षेत्र के अम्मा सोहिजन गांव की है जहां पोते की चाहत में एक दादी ने अपने हाथों अपनी पोती को गला दबाकर मार डाला। इस घटना से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। इस घटना से पुलिस वाले भी हैरान रह गये। बताया जाता है कि अशोक ओझा के बेटे धीरज ओझा की शादी कटरा के जजुआर निवासी कोमल से हुई थी।
धीरज ओझा के माता-पिता चाहते थे कि उनके घर पोते का जन्म हो। लेकिन कोमल ने बेटी को जन्म दिया जिससे उससे ससुराल वाले नाराज हो गये। कोमल की सास सरोज देवी और ससुर अशोक ओझा उसके साथ मारपीट किया करते थे। एक दिन मौका पाकर कोमल की सास सरोज ने पोती को गोद में उठाया और घर से बाहर चली गयी जहां उसने गला दबाकर पोती की हत्या कर दी और शव को दफना दिया। इधर दो माह की बच्ची को कोमल खोजने लगी लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं चल सका।
बच्ची की मां ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की। पुलिस ने कोमल के सास-ससुर से भी इस संबंध में पूछताछ की। जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने घर से काफी दूर सुनसान जगह से बच्ची का शव बरामद किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया वही आरोपी दादी और दादा को गिरफ्तार जेल भेजा गया। इस घटना के सामने आने के बाद इलाके के लोग भी हैरान रह गये। इलाके में इस बात की चर्चा होनी शुरू हो गयी कि कैसे कोई दादी इस तरह पोती की हत्या कर सकती है।
लड़का घर का चिराग होता है इसलिए घर में लड़के का जन्म होना जरूरी है इस तरह की बातें आज भी लोगों के दिलो दिमाग में बसा हुआ है इसे बदलने की जरूरत है। लोगों को यह बताने की जरूरत है कि लड़का और लड़की में वे फर्क ना करें। लड़की को ही लड़का बनाकर रखें। क्यों आज लड़कियां किसी से कम नहीं है। वो हर क्षेत्र में लड़कों से आगे हैं। एक सभ्य समाज में इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।