PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने जा रहे हैं. 23 अगस्त को दिल्ली में पीएम मोदी से सीएम नीतीश और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ बिहार के 11 डेलीगेट मिलेंगे. इस प्रतिनिधि मंडल में पक्ष और विपक्ष की लगभग सभी पार्टियों के नेता शामिल होंगे. वो लिस्ट सामने आ गई है, जिसमें बिहार के 11 नेताओं के नाम हैं. ये नेता रक्षाबंधन के ठीक अगले दिन 23 अगस्त को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी शामिल होंगे. कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा और भाकपा माले से महबूब आलम भी सीएम के साथ दिल्ली जायेंगे. इस लिस्ट में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी का भी नाम शामिल है.
इन प्रमुख नेताओं के साथ-साथ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान और बिहार सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के चीफ मुकेश सहनी का नाम शामिल है. साथ ही सूर्यकांत पासवान, जनक राम और अजय कुमार भी प्रधानमंत्री से मिलने 23 अगस्त को दिल्ली रवाना होंगे.
बिहार सरकार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि जेडीयू और राजद के साथ-साथ पीएम से मिलने वाले डेलिगेशन में भारतीय जनता पार्टी भी शामिल होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी खुद पहले ही ये बता चुके हैं. इसके अलावा हम, वीआईपी, वामदल, एआईएमआईएम और कांग्रेस के भी प्रतिनिधि पीएम से मिलने जायेंगे.
गौरतलब हो कि बिहार में एनडीए की सरकार है. बावजूद इसके जनगणना को लेकर दोनों के अलग मत हैं. बीजेपी जाति आधारित जनगणना का समर्थन नहीं करती है. लेकिन पार्टी से प्रतिनिधि पीएम से मिलने जायेंगे. हालांकि बीजेपी की ओर से अभी किसी भी बड़े चेहरे का नाम सामने नहीं आया है, जो पीएम से मिलने वाले डेलिगेशन में शामिल होंगे.
गौरतलब हो कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बिहार विधानसभा में दो बार फरवरी 2019 और फरवरी 2020 में जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव सदन से पास कराकर केंद्र की मोदी सरकार को भेज चुकी है. लेकिन इस पर केंद्र सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया. वहीं, अब इस साल होने वाली जनगणना के साथ जातिगत जनगणना की मांग उठने लगी है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार जातिगत जनगणना कराने के लिए राजी नहीं है.
आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कई विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी और जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर अपनी बात रखी थी. विपक्षी दलों की मांग पर नीतीश कुमार ने 4 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. जिसका जवाब पीएमओ की ओर से आ चुका है. प्रधानमंत्री से जातिगत जनगणना के मसले पर बातचीत के लिए समय मांगा गया था. जिस पर पीएमओ ने 23 अगस्त को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री से मिलने का समय निर्धारित किया है.