PM मोदी बोले...देश की प्रतिभा पर है भरोसा, कोरोना संकट में देश बना आत्मनिर्भर

PM मोदी बोले...देश की प्रतिभा पर है भरोसा, कोरोना संकट में देश बना आत्मनिर्भर

DELHI: पीएम नरेंद्र मोदी लाल किले पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे देश की प्रतिभा पर भरोसा है. कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं. 

कोरोना संकट में आत्मनिर्भर

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी Creativity हमारी skills को बढ़ाना भी है. सिर्फ कुछ महीना पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे. आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है. 


भारत कई देशों का पेट भरने में सक्षम

पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे, लेकिन आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं. कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे? कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे. 


दुनिया की बड़ी कंपनियां भारत का कर रही रूख

पीएम मोदी ने कहा कि इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है. बीते वर्ष में भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. भारत में FDI में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ये विश्वास ऐसे ही नहीं आता है. आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें Make in India के साथ-साथ Make for World के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है . इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को identify भी किया जा चुका है। ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा.


7 करोड़ लोगों को मुफ्त दिए गैस सिलेंडर

 पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश का सामान्य नागरिक, चाहे शहर में रह रहा हो या गांव में, उसकी मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है. 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए. कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम, बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा. अपने इन साथियों को अपने गांव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है. वोकल फॉर लोकल, Re-Skill और Up-Skill का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का संचार करेगा.