पिता के गुजर जाने के बाद सौतेली मां ने ठुकराया, ससुरालवालों ने भी घर से निकाला, मृत शिशु को जन्म देने बाद बिगड़ी हालत

पिता के गुजर जाने के बाद सौतेली मां ने ठुकराया, ससुरालवालों ने भी घर से निकाला, मृत शिशु को जन्म देने बाद बिगड़ी हालत

ARWAL: अरवल में दो दिन पहले लावारिस हालत में मिली अचेत महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला पेंग्रेन्ट थी जिसे अस्पताल कर्मी व समाजसेवियों की मदद से अस्पलात लाया गया था। जहां महिला ने अविकसित बच्चे को जन्म दिया। जिससे नवजात की मौत हो गयी। महिला की भी हालत गंभीर बनी हुई थी। शिशु के जन्म के बाद भी महिला अचेत अवस्था में बेड पर पड़ी थी। 


महिला के पास परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। अस्पताल कर्मी और समाजसेवी रवि शंकर कुमार और गोरेलाल कुमार ने मृत शिशु का अंतिम संस्कार कर दिया। जब महिला के परिजन नहीं आए तब रविशंकर ने अपने खर्चे पर एक महिला अटेंडेंट को सदर अस्पताल में उसकी सेवा के लिए रखा। अस्पताल के पूरे खर्चे को खुद उठाया। ब्लड की जरूरत होने पर समाजसेवी दीपक की मदद से ओम प्रकाश ने महिला को रक्तदान किया। जिससे महिला की जान बचायी जा सकी। लेकिन उसके नवजात शिशु को लोग नहीं बचा पाए। 


बताया जाता है कि पीड़ित महिला सरिता देवी करपी प्रखंड के रामपुर चाय के रहने वाली है। छह महीने पहले ही उसकी शादी शादी औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड के नरसन गांव में हुआ था। शादी के एक महीने बाद ही उसके पिता बबन साव की मौत हो गयी थी। जिसके बाद सौतेली मां भी घर छोड़कर चली गई। सौतेली मां के ठुकराए जाने के बाद उस पर भाई-बहन के भरण पोषण की जिम्मेदारी आ गयी। वह अपने भाई-बहन को लेकर ससुराल चली गयी लेकिन ससुराल वाले तीनों को रखना नहीं चाह रहे थे। ससुरालवालों ने उसे और उसके भाई और छोटी बहन को घर से निकाल दिया। 


वहीं बेवफा पति ने भी उसे लावारिस हाल में सड़क किनारे छोड़ दिया। एक 10 साल की बहन और 8 साल के दिव्यांग भाई का भरण-पोषण करने के लिए वह फिर मायके में रहने लगी। पति रौशन ससुराल में रहने के लिए दबाव बनाता था लेकिन भाई और बहन को छोड़कर वह जाना नहीं चाहती थी यही कारण से पति और ससुराल वालों ने उससे रिश्ता तोड़ दिया। 


लावारिस हालत में गर्भवती पत्नी को सड़क किनारे छोड़कर पति भी फरार हो गया। डीएम आवास से पांच सौ मीटर की दूरी पर महिला बेहोशी की हालत में पड़ी रही लेकिन किसी भी अधिकारी या पदाधिकारी की नजर उस पर नहीं गयी। जिला प्रशासन ने भी कोई सुध नहीं ली। नवजात शिशु की मौत के बाद महिला सदर अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रही है। 


महिला को दो दिन पूर्व अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला की स्थिति गंभीर होने के कारण पटना रेफर कर दिया गया था। लेकिन उसके साथ परिवार का कोई सदस्य नहीं था जिसके कारण उसे पटना नहीं भेजा गया। रविवार की रात चिकित्सकों के प्रयास के बाद महिला ने मृत शिशु को जन्म दिया। तब से वह अस्पताल में बेहोश है। कुछ सामाजिक संगठन से जुड़े लोग अब इस महिला की मदद के लिए आगे आए हैं।