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PFI मॉड्यूल की NIA जांच में हुआ बड़ा खुलासा,निशाने पर थे पटना समेत कई शहर

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Nov 2023 07:08:18 AM IST

PFI मॉड्यूल की NIA जांच में हुआ बड़ा खुलासा,निशाने पर थे पटना समेत कई शहर

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PATNA : पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के फुलवारीशरीफ और इससे जुड़े मोतिहारी मामले की जांच NIA के तरफ से पिछले वर्ष जुलाई से जांच चल रही है। इसके बाद जैसे - जैसे इस जांच का दायरा बढ़ रहा है वैसे - वैसे कई खुलासे भी हो रहे हैं। ऐसे में अब जो जानकारी निकल कर सामने आयी है। उसके मुताबिक़ पीएफआई ने न सिर्फ फुलवारीशरीफ बल्कि इसके अलावा पटना और आसपास के कुछ शहरों में भी अपना  ठिकाना बना रखा था। 


दरअसल, फुलवारीशरीफ स्थित नूर मंजिल को किराए पर लेकर पीएफआई के कमांड सेंटर के तौर पर उपयोग किया जा रहा था। यहां ट्रेनिंग सेंटर तो चल ही रहा था, यहां से दूसरे स्थानों के छोटे-छोटे ठिकानों का संचालन किया जा रहा था। कई और शहरों में ठिकाना बनाने की तैयारी भी थी। इस बात की जानकारी कुछ दिनों पहले एनआईए की पटना स्थित विशेष न्यायालय में इस मामले के एक मुख्य अभियुक्त के खिलाफ दायर चार्जशीट में भी इस बात का उल्लेख प्रमुखता से किया है। इसके बाद अब एनआईए ने इन छोटे ठिकानों से जुड़े लोगों की खोज में तेजी शुरू कर दी है। 


बताया जा रहा है कि, पीएफआई के तरफ से फुलवारीशरीफ के बाद मोतिहारी मॉड्यूल और पटना समेत अन्य स्थानों पर इससे जुड़े कई छोटे ठिकाने बनाए थे। पीएफआई के अलावा दो-तीन और कट्टरपंथी विचारधारा को पोषित करने वाले संगठन बनाए थे। इनमें वहादत-ए-इस्लामी हिंद और वहादत-ए-इस्लामी प्रमुख हैं। फुलवारीशरीफ वाले केस में इस संगठन से जुड़े लोगों की भूमिका प्रमुखता से सामने आई है। इस प्रतिबंधित संगठन के लोग भी फुलवारीशरीफ वाले केंद्र से सीधे जुड़े थे। ये अलग-अलग स्थानों पर छोटे संगठनों में लोगों खासकर युवाओं को भड़काने का काम करते थे। 


वहीं, जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पीएफआई और इससे जुड़े अन्य छोटे संगठनों ने शुक्रवार की नमाज के बाद राज्य में कई स्थानों पर किसी मुद्दे को लेकर तनाव भड़ाने का काम किया था। पिछले वर्ष पीएफआई के फुलवारीशरीफ मॉड्यूल के खुलासे से पहले इस तरह की घटनाएं कई स्थानों पर हुई थी।


आपको बताते चलें कि, एनआईए की अब तक तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के प्रतिबंधित किए जाने के बाद इसके मुख्य नुमाइंदों अथर परवेज, मो. जल्लाउद्दीन खान, नुरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, अरमान मल्लिक ने बिहार में पीएफआई की जड़े मजबूत करने के लिए खासतौर से पहल की।