BEGUSARAI: कहते हैं जाको राखे साइया मार सके ना कोई। यह बात आज बेगूसराय में साबित हो गयी। बेगूसराय के बछवाड़ा और तेघरा स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर तीन साल की बच्ची अचानक आ गयी। जो पटरी पर पत्थरों से खेलने लगी। तभी ग्रीन सिग्नल हो गया लेकिन बच्ची इससे अनजान थी वो पटरी पर खेलने में मग्न थी। उधर समस्तीपुर की ओर जाने वाली लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस ट्रैक पर आ गयी।
इस ट्रेन के ड्राइवर आरएमपी यादव और सहायक लोको पायलट किशन कुमार की नजर तभी पटरी पर खेल रही बच्ची पर गयी तो उन्होंने सूझबूझ और तत्परता से काम लिया। लड़की की जान बचाने के लिए इन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। जिसके बाद लड़की के पास पहुंचने के पहले ही ट्रेन रूक गयी और बच्ची की जान बच गयी।
बच्ची पटरी पर खेलने में मशगूल थी। पटरी पर लड़की की मौजूदगी देखकर चालक दल ने आपातकालीन ब्रेक लगा दिया। गाड़ी बच्ची तक पहुंचते पहुंचते रुक गई। जिससे छोटी बच्ची को सुरक्षित बचाया जा सका। ट्रेन के ड्राइवर ने बच्ची को ट्रैक से गोद में लिया जिसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हो गये। इन लोगों में बच्ची के परिजन भी शामिल थे। उन्होंने बच्ची को सीने से लगा लिया। ड्राइवर ने बच्ची को परिजनों के हवाला किया जिसके बाद ट्रेन को लेकर रवाना हो गये।
इस दौरान ट्रेन के ड्राइवर और उनकी टीम की चर्चा इलाके में होनी शुरू हो गयी। लोग कहने लगे कि यदि इमरजेंसी ब्रेक ट्रेन के ड्राइवर और उनकी टीम ने नहीं लगाया होता तो बच्ची आज हमारे बीच नहीं रहती। परिजनों ने पूरी टीम को धन्यवाद कहा। वही मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने सराहना की। वही अब विभाग में भी इसकी चर्चा होने लगी है। रेलवे की ओर से लोगों से अपील की गयी है कि वो अपने बच्चों और मवेशियों को ट्रैक के पास नहीं आने दें और रेलवे लाइन को फाटक से ही पार करें।