बिहार में दर्दनाक हादसा: स्कूल से बिना सूचना निकले तीन छात्र नहर में डूबे, तीनों की मौत बिहार में दर्दनाक हादसा: स्कूल से बिना सूचना निकले तीन छात्र नहर में डूबे, तीनों की मौत Bihar Politics: बिहार के वे नेता जो CM कुर्सी पर टिक नहीं पाए ज्यादा दिन, जानिए… किनका कार्यकाल रहा सबसे छोटा Bihar Crime News: हत्याकांड में फरार मुखिया पति के घर की कुर्की, खिड़की-दरवाजे उखाड़ ले गई पुलिस Bihar Crime News: हत्याकांड में फरार मुखिया पति के घर की कुर्की, खिड़की-दरवाजे उखाड़ ले गई पुलिस Job Fraud: नौकरी का झासा देकर बेरोजगार युवाओं से फर्जी कंपनी ने की ठगी, पुलिस ने गिरोह को दबोचा PM Modi Visit in Bihar: पूर्णिया एयरपोर्ट से शुरू होगी उड़ान, पीएम मोदी कल देंगे कई विकास परियोजनाओं की सौगात BPSC Exam 2025: BPSC 71वीं प्रारंभिक परीक्षा 2025 शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न, करंट अफेयर्स ने बढ़ाई मुश्किलें Bihar News: नेपाल के विरोध प्रदर्शन का बिहार पर गहरा असर, इस शहर को सबसे अधिक नुकसान प्रति घंटे इतने KM की रफ़्तार से चलेगी Patna Metro, शुरुआत में वॉकी-टॉकी के जरिए ही होगा संचालन
1st Bihar Published by: Updated Wed, 19 May 2021 08:31:37 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : कोरोना से महामारी के दौर में कई हृदय विदारक घटनायें सामने आ रही हैं. बेगूसराय के सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति का शव 6 दिनों तक पडा रहा. उसकी पत्नी को क्वारंटीन सेंटर में डाल दिया गया. न ससुराल वाले अंतिम संस्कार के लिए आये न मायके वाले. आखिरकार पत्नी क्वारंटीन सेंटर से भाग निकली और अकेले श्मशाम घाट जाकर पति का अंतिम संस्कार किया.
पत्नी का आखिरी कर्तव्य निभाने के लिए हर बाधा को पार किया
मामला मुंगेर के रामनगर बडैचक पाटन गांव का है. एक सप्ताह पहले इस गांव के 28 वर्षीय विकास मंडल की हालत कोरोना संक्रमित होने के बाद बिगड गयी थी. पत्नी उसे इलाज के लिए बेगूसराय के सदर अस्पताल में लेकर आयी. बेगूसराय सदर अस्पताल में विकास मंडल की मौत 13 अप्रैल को ही हो गयी. अपने पति के साथ अकेली कंचन देवी को कुछ नहीं सूझ रहा था कि वह क्या करे.
ससुराल से लेकर मायके वालों ने मुंह फेरा
विकास मंडल की मौत के बाद उसके अपने परिजनों ने ही मुंह फेर लिया. कंचन देवी अपने ससुराल पाटन गांव में अंतिम संस्कार के लिए लोगों से मदद मांगने गयी लेकिन कोई नहीं सामने आया. कंचन देवी की मां उसके ससुराल पहुंची. लेकिन दो महिलायें क्या करती. लिहाजा दोनों ने तय किया कि कंचन के मायके चल कर मदद मांगी जाये. कंचन देवी अपनी मां के साथ मायके पहुंची. उसका मायका समस्तीपुर के विभूतिपुर पतैलिया गांव में है. कंचन जब अपने मायके पहुंची तो गांव वालों ने शव जलाने में मदद करने के बजाय कंचन और उसकी मां को क्वारंटीन सेंटर में डाल दिया.
पति को आखिरी विदाई लेने के लिए भाग निकली कंचन देवी
6 दिनों तक क्वारंटीन सेंटर में कैद रहने के दौरान कंचन देवी अपने पति के अंतिम संस्कार के लिए गुहार लगाती रही. लेकिन किसी ने मदद नहीं की. आखिरकार 18 मई को कंचन देवी क्वारंटीन सेंटर से भाग निकली. वह बेगूसराय सदर अस्पताल में पहुंची जहां 13 मई से ही उसके पति की लाश पडी थी. अस्पताल प्रबंधन ने एसडीओ संजीव कुमार चौधरी के मामले की जानकारी दी. एसडीओ के निर्देश के बाद कंचन देवी को उसके पति के शव के साथ सिमरिया घाट भेज दिया गया. कंचन देवी ने अकेले अपने पति का अंतिम सस्कार किया.