लोक आस्था का महापर्व छठ: पटना सहित पूरे बिहार में छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य

लोक आस्था का महापर्व छठ: पटना सहित पूरे बिहार में छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य

PATNA: लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ महापर्व करने वाले व्रतियों ने पटना के छठ घाटों पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। पटना के विभिन्न छठ घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बड़ी संख्या में व्रती और श्रद्धालु गंगा घाटों पर नजर आए। 


वही विभिन्न पार्कों और पटना के अलग-अलग इलाकों बनाए गये छठ घाट पर भी व्रतियों की बड़ी तादाद देखी गई। कई छठ व्रतियों ने अपने घर के छत पर भी अर्घ्य दिया। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर पटना सहित अन्य जिलों में खासा उत्साह देखने को मिला। सूर्य नगरी औरंगाबाद के देव में भी अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया। छठव्रतियों ने पवित्र सुर्यकुंड में डुबकी लगाकर बड़ी ही आस्था और विश्वास के साथ सुर्यदेव को नमन कर अर्घ्य अर्पित किया।


 देव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी। देव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। गौरतलब है कि देव में छठ पूजा का एक अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे मन से यहां छठ पूजा करता है उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है। और यही कारण है कि देव में छठ महापर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। दूर दराज क्षेत्रों से श्रद्धालु यहां आकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते है। 

औरंगाबाद देव की सूर्य नगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की इतनी संख्या को देखकर ही यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पर्व को लेकर लोगों में कितना उत्साह और उमंग है। छठव्रतियों ने पवित्र सूर्यकुंड में डुबकी लगाई और डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। देव स्थित सूर्य मंदिर में इतनी बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने की वजह से जिला प्रशासन को थोड़ी परेशानियां जरूर हो रही है। लेकिन भगवान भास्कर की कृपा से बगैर किसी बाधा के छठव्रती इस अनुष्ठान को सम्पन्न कर रहे हैं । 


अरवल जिले के ऐतिहासिक मधुश्रवां छठ घाट के अलावे अन्य छठ घाटों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी। अरवल में  डूबते हुए सूर्य को छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया| जिला प्रशासन के तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गईहै| चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। जिला प्रशासन की तरफ से मधुश्रवां छठ घाट के तक जाने वाले रास्ते को बैरकेटिंग किया गया है| 

गौरतलब है कि औरंगाबाद के देव में छठ पूजा का एक अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे मन और श्रद्धा भाव से यहां छठ पूजा का अनुष्ठान करता है, सूर्यनारायण उनकी अराधना अवश्य पूरी करते हैं। छठव्रती कल सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी और पारण का प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ का समापन होगा।

भगवान सूर्य का मंदिर देश के 12 सूर्य मंदिरों में से एक है जिसे देवार्क के नाम से भी जाना जाता है। देश के सभी 11 सूर्य मंदिर का मुख्य द्वार पूर्वाभिमुख है लेकिन देव का सूर्य मंदिर एक ऐसा अनोखा सूर्य मंदिर है जो पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है। इसके पीछे भी कई किवंदतियां हैं जिसमें प्रमुख यह है कि आताताइयों के आक्रमण से सूर्य मंदिर को बचाने के लिए धर्मानुरागियों के द्वारा की गई तपस्या से मंदिर का मुख्य द्वार एक ही रात में पूर्व से पश्चिम की तरफ हो गया। 

यहां भगवान सूर्य अपने तीन स्वरूप अस्ताचल,मध्याचल एवं उदयाचल सूर्य के रूप में स्थापित है। सूर्य की महिमा अपरंपार है जिसको देखते हुए यहां वर्ष में कार्तिक और चैत्र माह में होनेवाली छठ पर्व को लेकर लगभग 10-15 लाख श्रद्धालु यहां आकर छठ व्रत करते है और सूर्यकुंड तालाब में अर्घ्य समर्पित कर अपनी अटूट आस्था दिखाते है। डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। कल सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने और पारण के बाद महापर्व छठ का समापन होगा।