1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 20 Jan 2023 04:15:23 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार की राजधानी पटना में काफी लंबे अर्से के बाद एक बार फिर से शास्त्रीय संगीत की महफिल सजने वाली है। दरअसल, बनारस घराने के सुप्रसिद्ध तबला सम्राट पदमविभूषण पं० किशन महाराज के जन्म शताब्दी के अवसर एक सुरमयी शाम का आयोजन राज्य पूर्व सांसद रवीन्द्र किशोर सिन्हा के तरफ से किया जा रहा है।
जानकारी हो कि, पदमविभूषण पं० किशन महाराज को कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 1973 में पद्मश्री और 2002 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। अब इन्हीं के याद में रविवार को राजधानी पटना के रविन्द्र भवन में संध्या 5:30 बजे से एक शास्त्रीय संगीत संध्या आयोजित की गई है। जिसमें देश की प्रतिष्ठित शास्त्रीय गायिका विदुषी इन्द्राणी मुखर्जी (कोलकाता) के शास्त्रीय गायन के साथ मुंबई की ख्यातिप्राप्त वायलिन वादक नन्दनी शंकर अपना कार्यक्रम पेश करेंगी। इनके साथ कोलकाता के अभिषेक चटर्जी तबला , पं. शुभ महाराज (वाराणसी) तबला और कोलकाता के द्वैपायन राय हारमोनियम पर संगत करेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डा. अजीत प्रधान, हार्ट सर्जन, जीवक हार्ट हॉस्पिटल, पटना उपस्थित रहेंगे।
इस कार्यक्रम के आयोजनकर्ता पूर्व सांसद रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने कहा कि, बड़े पैमाने पर ऐसे महान कलाकारों को याद कर कार्यक्रम आयोजित करना उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी। आज भाग दौड़ की जिन्दगी में नई पीढ़ी तमाम महान कलाकारों के योगदानों को भूलती जा रही है या जानती तक नहीं है। ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि ऐसे आयोजन कर उनके कृतित्व को शास्त्रीय संगीत प्रेमियों और युवाओं तक पहुंचाए जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी उससे अवगत कराया जा सकें।
सिन्हा ने कहा कि पंडित किशन महाराज का व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावशाली था। माथे पर लाल रंग का टीका लगा जब वे संगीत सभाओं में पहुंचते थे तो संगीत सभायें लय ताल से परिपूर्ण हो गंधर्व सभाओं की तरह संगीतमय हो जाती थीं। तबला बजाने के लिए वैसे पद्मासन में बैठने की पद्धति प्रचलित हैं, किंतु स्वर्गीय महाराज जी दोनों घुटनों के बल बैठ कर वादन किया करते थे। ख्याल गायन के साथ उनके तबले का संगीत श्रोताओं पर जादू कर देता था। उनके ठेके में एक भराव था, और दांये और बांये तबले का संवाद श्रोताओं और दर्शकों पर विशिष्ट प्रभाव डालता था। उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह में आने वाले कलाकार अपने अपने क्षेत्र के सिद्धहस्त कलाकार है जिनको सुन कर राजधानी के लोग भाव विभोर हो जायेंगे।