PATNA : राजधानी पटना में आज 50 से अधिक लोगों का आशियाना जिला प्रशासन ने उजाड़ दिया. जी हां पटना के मीठापुर रेलवे ओवरब्रिज के पुनपुन लेग को चालू करने के लिए वहां के 50 से अधिक घरों पर बुलडोजर चला दिया गया. पुनपुन लेग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और तकरीबन 800 मीटर की दूरी का काम बाधित होने के कारण इसे चालू नहीं किया जा सका है. आज निर्माण कार्य में बाधा पैदा करने वाले लगभग 50 से अधिक के मकानों का हिस्सा तोड़ दिया गया. और हजारो लोग बेघर हो गये.
दरअसल, ओवरब्रिज के निर्माण के लिए सुबह से ही बुलडोजर से मकान तोड़े जा रहे थे. सभी मकानों के सामान बाहर निकाल दिए गये. हालांकि सरकार ने इसके लिए पहले से ऐलान कर दिया था, लेकिन आज भी लोग मोहलत मांग रहे थे. लेकिन कार्रवाई नहीं रुकी. इससे लोग काफी नाराज थे. वे चीख-चिल्ला रहे थे. उन्होंने सरकार से दो दिनों की मोहलत मांगी. उनके अनुसार उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी.
उन्होंने कहा कि सरकार अचानक चाहती है कि हम कहीं और चले जाएं. पूरे प्रकरण में महिलाओं की नाराजगी अधिक दिखी. वे कह रही थीं कि उनके पास न रहने के लिए ठिकाना है, न सोने के लिए छत. इतना सामान लेकर सड़क पर आ गए हैं. हालांकि, प्रशासन के आगे महिलाओं की एक नहीं चली. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है. अब हमारा और बच्चों का क्या होगा.
जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के इंजीनियर, भू-अर्जन कार्यालय और सदर अंचल के अमीन की टीम बनाकर जमीन की नापी करने के साथ मकानों को तोड़े जाने वाले हिस्से में पहले ही लाल निशान बना दिया गया था. शुक्रवार को माइकिंग कर लोगों को मकान तोड़े जाने की जानकारी दी गयी थी.
आज कार्रवाई के दौरान पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात रहे. इसकी मॉनिटरिंग जिला नियंत्रण कक्ष से हुई. माइकिंग के दौरान ही कुछ मकान मालिकों ने मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत की थी. इस पर अधिकारियों ने सभी को जिला भू-अर्जन कार्यालय जाने को कहा था.
आपको बता दें कि ओवरब्रिज का निर्माण कार्य तीन साल से बाधित है. इसका निर्माण इरकॉन कंपनी कर रही है. जमीन अधिग्रहण होने के बाद अगले महीने से निर्माण का काम शुरू होगा. जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय निवासी कोर्ट चले गए थे.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी को नियमानुकूल मुआवजे का भुगतान करना है. इसके लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय में आवेदन सहित बैंक अकाउंट देकर राशि लेनी है. इसके लिए सभी को बुलाया गया है. इन सभी लोगों की जमीन बकास भूमि है जो सरकार की तरफ से लीज पर जमीन दी गई है.