PATNA: पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर पेंशन मानवाधिकार महारैली का आयोजन हुआ। जिसमें लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ भी शामिल होने पहुंची थी। लोकगीत के जरिये नेहा सिंह राठौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर हमला बोला। नेहा सिंह राठौर ने कहा कि नई पेंशन योजना तो पेंशन योजना है ही नहीं..सेवानिवृत कर्मचारियों के साथ नई पेंशन योजना एक ठगी है। उनके पूंजी से खेला जाने वाला सरकारी जुआ है। नेहा ने कहा कि रिस्क लेना है या नहीं लेना है यह वो तय करे जिनका बुढावा दाव पर लगा हुआ है।
नेहा ने आगे कहा कि ये कितना घटिया मजाक है कि जो लोग खुद चार-चार पेंशन उठाते है वो हमारी पेंशन हमारे बुढ़ापे की लाठी के दुश्मन बन बैठे है। क्या यही लोकतंत्र है सरकार को शर्म आनी चाहिए। मुझे बहुत बोलना नहीं आता है मैं अपनी बात गीत के माध्यम से रखती हूं। नेहा सिंह राठौर ने लोकगीत के माध्यम से अपनी बातें रखी। नेहा सिंह राठौर ने गीत के जरिये कहा कि 'जबले ops ना लागू तू करबा ए चौकीदार कैसे बनईवा ऐ साहेब 24 में सरकार..15 लाख अबले खाता में ना आईल ऐ चौकीदार..कैसे बनईवा ऐ साहेब 24 में सरकार..
आगे नेहा कहती है कि पूंजीपतियन के खास तू अडणिया के यार कैसे बनाईवा ऐ साहेब चौबीस में सरकार..आम जनता नहीं झेल पावे महंगाई के मार..कैसे बनाईबा ऐ साहेब 24 में सरकार...
नेहा सिंह राठौर ने आगे कहा कि मैं आम जनता का मुद्दा उठाती हूं आगे भी उठाती रहूंगी। नेहा ने फिर गुनगुनाया..भीख नहीं हक सरकार मागिला..बेरोजगार बानी साहेब रोजगार मांगीला .. दू करोड़ नौकरी देवे के रहा वादा कहत रहा लगी रोजगार ज्यादा..नून तेल पैचा ना उधार मांगिला..बेरोजगार बानी साहेब रोजगार मांगिला...देश के इकोनॉमी के बैठ गईल भट्ठा...आंख खोला चौकीदार होवा तू झूठा..खेत बारी जमीन ना बाधार मांगिला...बेरोजगार बानी साहेब रोजगार मांगिला...पढ़त-पढ़त झड़ी गईले चांदी पर के बाल..नौकरी कहिया मिली अहो दादा..कहिया मिली दुलरुआ बबुआ भइले भार नौकरी कहिया मिली। भीख नहीं हक सरकार मांगिला..बेरोजगार बानी साहेब रोजगार मांगिला..अरे उम्र अधियाइल भइल जवनिया बेकार..नौकरी कहिया मिली अही दादा कहिया मिली..
नेहा सिंह राठौर ने इस दौरान मंच से गाली गीत भी सुनाया। नेहा ने कहा कि मैंने एक गाली गीत साहेबजी के लिए लिखा है उसे भी सुनाती हूं। सहेबबा के गारी सुनाओ..सुनाओ सारी जनता, चौकीदरवा के गारी सुनाओ..गीत गाते हुए नेहा कहती है कि ऐसा लग रहा है कि मैं समधी की गाली दे रही हूं..बिहार में आए है तो गारी तो होगा ना..फिर नेहा गाने लगती है अरे ई सहेबबा के डिग्री नहीं है..देखाओं चौकीदरवा आपन डिग्री देखाओं...सुनाओ भोली जनता सहेबबा को गारी सुनाओं..
नेहा आगे कहती है कि जो गाली खाए वाला काम करी ओकरा के गलियबे ना जाही हो ...फिर वो गाने लगती है यही फकीरवा के कपड़ा नहीं है.. कपड़ा नहीं है तन पर कपड़ा नहीं है..इनके दस लखिया सुट पहनाओं..पहनाओं सारी जनता..साहेबवा को गारी सुनाओ..सुनाओ सारी जनता...अरे ई सहेबबा के गाड़ी नहीं है..गाड़ी नहीं है जी घोड़ा नहीं है..साहेबवा को जेट दिलवाओं..साहेबवा को गारी सुनाओं..अइसन साहेब के नइखे जरूरत..नईखे जरूरत आई शुभ महुरत..24 में इनको हटाओ..साहेबबा को गारी सुनाओ..सुनाओ भोली जनता....चौकीदरबा के गारी सुनाओ। नेहा सिंह राठौर के साथ वहां मौजूद लोग भी यह गीत गाने लगे। लोगों ने तालियों से नेहा का स्वागत किया।
बता दें कि पुरानी पेंशन लागू करने के लिए पटना के गर्दनीबाग में पेंशन मानवाधिकार महारैली का आयोजन किया गया था जिसमें लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को बुलाया गया था। नेहा सिंह राठौर ने अपने लोकगीत के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। वही पेंशन मानवाधिकार के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडेय और बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट के प्रेमचंद्र सिन्हा ने कहा कि पेंशन हमारा हक है इसे लेकर रहेंगे। 2004 में लागू नए पेंशन को बंद कर पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग इन्होंने सरकार के समक्ष रखी है।
आज के कार्यक्रम में बिहार के प्रत्येक जिले से लोग पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर पहुंचे थे। सिवान जिले से पेंशन मानवाधिकार महारैली पटना में शामिल होने के लिए राजकिशोर मिश्रा पेंशन समाज, नागेन्द्र यादव कनीय अभियंता, सत्यप्रकाश,पंकज ,अफताब आलम , मुन्ना सिंह राजेश, विजय कुमार, मनतोष, जटेश्वर दिछित, भरत यादव, धुरुप एवं अन्य साथी पटना पहुंचे थे। सभी ने एक सुर में कहा कि पेंशन हमारा हक है जिसे हम किसी भी हालत में लेकर रहेंगे।