लापता चावल कारोबारी भाइयों के लिए फूट-फूटकर रोईं रितु जायसवाल, बोलीं- बिहार अपराधियों के आतंक से बेहाल

लापता चावल कारोबारी भाइयों के लिए फूट-फूटकर रोईं रितु जायसवाल, बोलीं- बिहार अपराधियों के आतंक से बेहाल

PATNA :  पटना में पिछले एक सप्ताह से गायब चल रहे चावल कारोबारी भाइयों के बारे में तब तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है. दोनों को लापता हुए 7 दिन बीत गए है. ऐसे में परिवार वाले काफी डर गए हैं. परिवार को अनहोनी का डर सता रहा है. रविवार को राजद नेत्री रितु जायसवाल इनके परिजनों से मिलने पहुंची. इस दौरान वह काफी भावुक हो गईं और उन्होंने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि दोनों भाई जहां कहीं भी हों, उन्हें सही सलामत वापस घर भेज दें.




पूरी घटना पटना के नौबतपुर थाना इलाके की है, जहां नगवां गांव में पार्टनरशिप पर राइस मिल चलाए रहे दो सगे भाई राकेश कुमार गुप्ता (41) और इनके छोटे भाई अमित कुमार गुप्ता (35) पिछले कई दिनों से लापता हैं. इनके बारे में अब तक कोई भी सुराग नहीं मिला है. इनके पिता भरत प्रसाद ने बुधवार को नौबतपुर थाने में शिकायत की. पटना पुलिस लगातार मामले की छानबीन में जुटी हुई हैं. पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए हैं क्योंकि उनका कोई अता-पता नहीं चल रहा है.


रविवार को परिजनों से मिलने के बाद राजद नेत्री और विधानसभा चुनाव में पार्टी की उम्मीदवार रितु जायसवाल ने अपने फेसबुक के माध्यम से कहा कि "पटना के दो सगे व्यवसायी भाई राकेश गुप्ता और अमित गुप्ता को गायब हुए आज सातवां दिन हो गया है. और अब तक कोई खबर नहीं है. परिवार ने नौबतपुर थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई है और सभी हद से ज्यादा दुःख में हैं. परिवार से मिलना हुआ पर उनकी हालत देखी नहीं जा रही. जिन्होंने भी अपहरण किया है उनसे हाथ जोड़ हम सब विनती कर रहे हैं कि आपको इंसानियत का वास्ता है हमारे भाइयों को घर भेज दीजिये. छोटी बच्ची रोज़ पापा-पापा कह कर उन्हें ढूंढती है. माता पिता पत्नी भाई सब हर बीतते पहर के साथ उम्मीद खोते जा रहे हैं. एक उम्मीद है कहीं ये वीडियो अपहरणकर्ता देख रहे हों तो हाथ जोड़ कर आपसे निवेदन है की उन्हें लौटा दें."


सूबे में लगातार तेजी से बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि "हमारे बिहार की धरती अपराधियों के आतंक से बेहाल है. आप किसी भी पार्टी के समर्थक हों पर बढ़ते आपराधिक घटनाओं पर सरकार से सवाल तो करना होगा हमें. अखबार की रोज़ की सुर्खियां दिल दहलाने वाली होती हैं. ये तभी होता है जब अपराधियों में कानून का डर खत्म हो जाता है. कानून का डर खत्म हो जाता है क्योंकि कानून के रखवाले कमज़ोर पर जाते हैं. और कानून के रखवाले कमज़ोर इसलिए पर जाते हैं क्योंकि सत्ता निष्क्रिय, निरंकुश और अहंकारी हो जाती है. और इसलिए जिनकी हत्या हो रही है, जिन बच्चियों का बलात्कार हो रहा है, उनके परिजनों की चीखें सत्ताधारी लोगों तक पहुँचनी बन्द हो चुकी हैं."


बिहार में लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री कुमार ने जो मीटिंग कि उसपर भी रितु जायसवाल ने करारा हमला करते हुए कहा कि "बैठक कर रहे हैं अच्छी बात है. पर अपराधियों में कानून व्यवस्था का डर एकदम खत्म हो गया है. तभी तो माननीय मुख्यमंत्री जी के गृह जिले में पुलिस को जान बचा कर भागना पड़ रहा है. ऐसा तभी होता है जब नेतृत्व कमज़ोर और संवेदनहीन हो जाता है. व्यवसायी वर्ग अपराधियों केलिए सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं. पर सरकार उनकी सुरक्षा को ले कर एकदम संवेदनहीन होती दिख रही है. रोज़ अखबारों के पन्ने रक्त से लाल हो जा रहे हैं. हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार ऐसे ही चलता रहा तो आम जनता का व्यवस्था पर से भरोसा उठ जाएगा."


बुधवार को जब यह मामला सामने आया था तो उसके बाद नौबतपुर में कई जगहों के सीसीटीवी को पुलिस ने खंगाला था. इसमें आखिरी बार बाजार में लगे एक कैमरे की फुटेज मिली थी, जिसमें पैदल जाते और गुटखा खरीदते हुए दोनों भाई दिखे थे. अब एसआईटी के हाथ इससे आगे का फुटेज लगा है. जिसमें बड़ा भाई राकेश कुमार गुप्ता नौबतपुर बाजार के एक कपड़ा दुकान से लेडीज शॉल खरीदते हुए दिखा. उसके साथ छोटा भाई अमित भी था.


इस फुटेज के सामने आने के बाद एसआईटी ने उस दुकानदार से पूछताछ की है. कुछ देर की पूछताछ में पता चला कि वहां से एक शॉल राकेश ने खरीदा था. इसके बाद पैदल ही वहां से निकल गए. यह फुटेज 8 दिसंबर की शाम करीब 4 बजकर 57 मिनट का बताया जा रहा है. एक और सीसीटीवी फुटेज एसआईटी के हाथ लगी, जिसमें दोनों भाई पैदल जाते हुए दिख रहे हैं और बार-बार पीछे मुड़कर देख रहे हैं. इस मामले पर पटना के सीनियर एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा से बात की गई. उन्होंने कहा कि उनकी टीम हर पहलू पर लगातार जांच कर रही है. अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, लेकिन जल्द ही कोई न कोई लीड जरूर मिल जाएगी.