PATNA: जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर लगातार हमलावर बने हुए हैं। आरसीपी पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग मुद्दों को लेकर ने नीतीश और तेजस्वी की सरकार को घेरने में लगे हैं। इसी कड़ी में आरसीपी ने पटना में खनन विभाग के अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर हमला बोला है। पटना में बालू माफिया की गुंडागर्दी को लेकर आरसीपी ने कहा है कि नीतीश कुमार पहले भी सीएम थे और आज भी मुख्यमंत्री हैं लेकिन उनकी सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है।
दरअसल, आरसीपी सिंह पिछले कुछ दिनों से विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। ट्वीटर के जरीए आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन की सरकार को आईना दिखा रहे हैं। आरसीपी ने अब पटना में खनन विभाग की टीम पर हमला और महिला अधिकारी के साथ मारपीट की घटना को लेकर नीतीश पर जोरदार हमला बोला है। आरसीपी सिंह लिखते हैं, “नीतीश बाबू ,आप और आपके उपमुख्यमंत्री कल पड़ोसी राज्य की क़ानून व्यवस्था पर लंबी-लंबी बातें कह रहे थे- क्या क्या नहीं कह रहे थे , याद है न ? परंतु कल ही पटना से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बालू माफ़ियाओं और उनके दरिंदों ने किस प्रकार से आपकी सरकार के खनिज विभाग के पदाधिकारियों पर जानलेवा हमला किया,पता है न नीतीश बाबू ! “
आरसीपी ने आगे लिखा, “अगर आपको पता नहीं चला है तो आप पता कर लीजिए।उस समाचार को पढ़ कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएँगे।वो बहादुर महिला खनिज पदाधिकारी अपने कर्तव्य के पालन हेतु घटना स्थल पर गई थी।बालू माफिया और उसके गुंडे , उस महिला पदाधिकारी पर जान मारने की नीयत से आक्रमण कर रहे थे तथा वो असहाय होकर गिर गई।वो तो भगवान ने उस पदाधिकारी की जान बचाई। नीतीश बाबू , वह आक्रमण खनिज विभाग के पदाधिकारियों पर नहीं ,वह हमला तो सीधे आपकी सरकार पर था ।बालू , राज्य की खनिज सम्पदा है। उसके खनन पर एकमात्र अधिकार राज्य का होता है। राज्य सरकार की अनुमति से ही वैध रूप से बालू का खनन होता है।पर यह क्या ? बालू माफिया खुल्लम खुल्ला क़ानून की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं।ट्रक पर ओवरलोडिंग कर सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे हैं ।अवैध कमाई कर रहे हैं और सड़कों को भी बर्बाद कर रहे हैं ।बालू माफ़ियाओं का हौसला तो देखिए नीतीश बाबू , उसे क़ानून का भय नहीं है । क़ानून का डर उसके दिमाग़ से निकल चुका है।“
पूर्व केंद्रीय मंत्री आगे लिखते हैं कि, “भय में कोई है ,तो वो है बिहार की जनता और वो सरकारी सेवक जिनके ज़िम्मे सरकार के क़ानूनों एवं आदेशों का पालन कराने की ज़िम्मेदारी है। जनता एवं सरकारी सेवकों के जान माल की सुरक्षा से आपको क्या लेना देना है ? याद करिए नीतीश बाबू 2005-2010 के बीच आपके शासन काल में माफिया एवं अपराधी क़ानून से डरते थे और आज वे सरे आम क़ानून को ठेंगा दिखा रहे हैं। अक्सर ही बालू घाटों में वर्चस्व को लेकर माफ़ियाओं में अक्सर गोली बारी की घटना होती रहती है । जनता के बीच दहशत का माहौल फैलाया जाता है, जो कि 2005-2010 में आपके ही कार्यकाल में संभव नहीं था ।उस समय आप ही मुख्यमंत्री थे और आज भी आप ही मुख्यमंत्री हैं । आप मुख्यमंत्री ज़रूर हैं लेकिन अब सरकार का इक़बाल समाप्त हो चुका है।“
आरसीपी लिखते हैं कि, “नीतीश जी, जनता त्रस्त है तथा माफिया एवं अपराधी मस्त है ! उन्हें पता है कि जिस तरह की राजनीति आप कर रहे हैं ,उसमें उनके ख़िलाफ़ करवाई करना आपके बस का नहीं है।और ऊपर से आपने मानवाधिकार का लंबा लवादा ओढ़ रखा है।बिहार की जनता और सरकारी सेवकों के मानवाधिकार की रक्षा कौन करेगा नीतीश बाबू ? माफ़ियाओं और अपराधियों पर सरकार के पदाधिकारी जब क़ानून सम्मत करवाई करेंगे , तब आप और आपके सहयोगी उसे मानवाधिकार के चश्मे से देखेंगे। आख़िर जनता और सरकारी सेवकों का भी कोई मानवाधिकार होता है नीतीश बाबू ? बिहार की जनता और सरकारी सेवकों के जान माल की रक्षा कौन करेगा नीतीश बाबू ?अभी हाल में एक क़ानून के साथ आपने जो पलटी मारी की है , उससे सरकारी सेवकों में गलत संदेश गया है।आपने उन्हें जो सुरक्षा का कवच दिया था ,उसे आपने ख़ुद ही हटा लिया ! सही है नीतीश बाबू , आपको जनता और सरकारी सेवकों के जान माल की सुरक्षा से क्या लेना देना ? आपकी कुर्सी सलामत रहे, यही आपका धर्म हो गया है। बालू माफिया ज़िंदाबाद ! दारू माफिया ज़िंदाबाद ! कुर्सीवाद ज़िंदाबाद !