PATNA CITY: पटना में गंगा नदी ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। एक बार फिर से प्रदेश में बाढ़ ने दस्तक दे दी है। बिहार की करीब 28 जिले बाढ़ से प्रभावित है जिसमें पटना भी अछूता नहीं है। गंगा किनारे बसे इलाकों में नदी का पानी सड़क तक आ पहुंचा है। यदि और बारिश हुई तो स्थित और भयावह हो सकती है। अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का पानी तेज से फैल रहा है। जिससे यहां रहने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पटना के ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो यहां बाढ़ ने दस्तक दे दी है। फस्ट बिहार-झारखंड की टीम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों से बातचीत की। उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की। आपकों बता दें कि फस्ट बिहार-झारखंड लगातार बाढ़ से जुड़ी हर खबरें प्रमुखता से दिखा रही है। आज फस्ट बिहार की टीम राजधानी पटना के दीदारगंज इलाके में पहुंची। जहां बाढ़ के पानी से पूरा क्षेत्र डूब चुका है।
सोनामा पंचायत के रायबाग, खासपुर, पुनाडीह पंचायत, जेठूली पंचायत जैसे कई ऐसे पंचायत हैं जहां बाढ़ का पानी फैल चुका है। कई पंचायतों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। पंचायत के अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। दुकान और खेतों में चारों ओर बाढ़ का पानी फैला हुआ है। अपने-अपने घरों में लोग चौकी पर बैठकर रात गुजारने को विवश है। अचानक पानी आने से इलाके में दो दिनों से बिजली गायब है जिसके कारण लोग अंधेरे में रह रहे हैं।
इन इलाकों में स्थिति यह है कि यहां मवेशियों को चारा तक नसीब नहीं हो पा रहा है। मुख्य सड़क पर कमर भर पानी दिखाई दे रहा है। लोगों के आवागमन के लिए अब नाव ही एकमात्र सहारा रह गया है। नाव से ही लोग अपनी रोजमर्रा की वस्तुओं को बाजार जाकर खरीद रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा जनप्रतिनिधियों पर साफ देखने को मिला।
इनका कहना है कि हम लोग बड़ी मुश्किल में जिन्दगी काट रहे हैं लेकिन अब तक क्षेत्र के विधायक हालचाल जानने नहीं पहुंचे हैं। हालांकि दो दिन पहले पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद ने क्षेत्र का दौरा किया था लेकिन उनके आने का कोई फायदा नहीं हमें नहीं मिला। अब तक बाढ़ पीड़ित सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। लोगों में सरकार के प्रति खासा आक्रोश देखने को मिला। इलाके के लोग सरकार से राहत कार्य चलाए जाने की मांग कर रहे हैं।